तौहीद

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तौहीद एक अरबी भाषा शब्द है जिसका अर्थ 'एक होना' अथवा 'एकत्व का समर्थन करना' होता है। इस्लाम धर्म में, खुदा का एक होना, इस अर्थ में कि वह एक ही है और उसके अलावा कोई और नहीं है, जैसा शहादा (शहादत या गवाही) सूत्र में कहा गया है: 'ख़ुदा के अलावा कोई ख़ुदा नहीं है और मुहम्मद उनके पैग़ंबर हैं।' तौहीद में आगे ख़ुदा की प्रकृति के बारे में चर्चा की गई है कि वह एक इकाई है, उसकी रचना नहीं हुई, वह हिस्सों में बना हुआ नहीं है, बल्कि सरल और असंयोजित है। ख़ुदा के एकत्व का सिद्धांत और ख़ुदा के तत्त्व और लक्षणों के संबंधों के बारे में जो मुद्दे यह उठाता है, वे पूरे इस्लामी इतिहास के ज़्यादातर दौर में बार-बार उभरते रहे हैं। मुस्लिम रहस्यवादियों (सूफ़ियों) की शब्दावली में तौहीद का एक सर्वेश्वरवादी आशय है; सभी तत्व ख़ुदाई हैं और ख़ुदा के अलावा कोई पूर्ण अस्तित्व नहीं है। ज़्यादातर मुस्लिम विद्वानों के लिए तौहीद की पद्धति व्यवस्थित धर्म विज्ञान है, जिसके माध्यम से ख़ुदा को बेहतर समझा जा सकता है, लेकिन सूफ़ियों के अनुसार, ख़ुदा का ज्ञान केवल मज़हबी अनुभव और प्रत्यक्ष दिव्य-दर्शन से ही हासिल किया जा सकता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • भारत ज्ञानकोश खंड-2 | पृष्ठ संख्या- 390

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