अपक्षरण

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अपक्षरण वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा हिमानी की ठोस हिम/बर्फ नष्ट हो जाते है।[1]

  • अपक्षरण में तीन क्रियाएँ होती हैं-
  1. हिमानी का धरातलीय, आंतरिक अथवा तलीय भाग का पिघलना।
  2. ऊर्ध्वपातन, जिसमें ठोस हिम का जल में परिवर्तन होकर गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाना।
  3. हिमशैल, हिमानी, हिमचादर का सागर अथवा झील में प्रवेश करने पर टुकड़ों में विखण्डित हो जाना।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भौगोलिक शब्दावली |लेखक: आर. पी. चतुर्वेदी |प्रकाशक: रावत पब्लिकिशन, जयपुर व नई दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 01 |

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