यतिनाथ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
m (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
 
(5 intermediate revisions by 4 users not shown)
Line 5: Line 5:
|+ भगवान शिव के अन्य नाम
|+ भगवान शिव के अन्य नाम
| [[सर्वज्ञ (शिव)|सर्वज्ञ]]
| [[सर्वज्ञ (शिव)|सर्वज्ञ]]
| [[मारजित् (शिव)|मारजित्]]
| [[मारजित (शिव)|मारजित]]
| [[रुद्र]]
| [[रुद्र]]
| [[शम्भू]]
| [[शम्भू]]
Line 13: Line 13:
| [[महेश्वर]]
| [[महेश्वर]]
|-
|-
| [[भगवत् (शिव)|भगवत्]]
| [[भगवत (शिव)|भगवत]]
| [[ईशान]]
| [[ईशान]]
| [[शंकर]]
| [[शंकर]]
Line 24: Line 24:
| [[मृड]]
| [[मृड]]
| [[मृत्युंजय]]
| [[मृत्युंजय]]
| [[कृत्तिवासस्]]
| [[कृत्तिवासस]]
| [[गिरिश]]
| [[गिरिश]]
| [[प्रमथाधिप]]
| [[प्रमथाधिप]]
| [[उग्र (शिव)|उग्र]]
| [[उग्र (शिव)|उग्र]]
| [[कपर्दिन्]]
| [[कपर्दिन]]
| [[श्रीकण्ठ]]
| [[श्रीकण्ठ]]
|-
|-
| [[शितकिण्ठ (शिव)|शितकिण्ठ]]
| [[शितकिण्ठ (शिव)|शितकिण्ठ]]
| [[कपालभृत्]]
| [[कपालभृत]]
| [[वामदेव]]
| [[वामदेव (शिव)|वामदेव]]
| [[महादेव]]
| [[महादेव]]
| [[विरूपाक्ष]]
| [[विरूपाक्ष]]
| [[त्रिलोचन]]
| [[त्रिलोचन]]
| [[कृशानुरेतस्]]
| [[कृशानुरेतस]]
| [[धूर्जटि]]
| [[धूर्जटि]]
|-
|-
Line 69: Line 69:


{{प्रचार}}
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|आधार=आधार1
{{संदर्भ ग्रंथ}}
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
Line 84: Line 79:
{{शिव}}
{{शिव}}
[[Category:शिव]]
[[Category:शिव]]
[[[Category:नया पन्ना]]
 
__INDEX__
__INDEX__
[Category:पर्यायवाची कोश]]
[[Category:पर्यायवाची कोश]]

Latest revision as of 07:29, 27 July 2012

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

अंबुदाचल पर एक भील तथा भीलनी रहते थे। एक बार शिव ने उनकी परीक्षा लेने के निमित्त यती का रूप धारण किया और रात-भर उनके घर रहने की इच्छा प्रकट की। घर में दो से अधिक व्यक्ति नहीं आ सकते थे, अत: भील रातभर पहरा देता रहा, भीलनी और यती घर के अंदर सोते रहे। रात में सिंहों ने भील को मारकर खा लिया तथा हड्डियाँ वहीं पर छोड़ दीं। भीलनी को प्रात: ज्ञात हुआ तो वह यती पर रुष्ट न होकर अपने पति के भाग्य को सराहती रही तथा उसकी अस्थियों के साथ सती होने के लिए उद्यत हुई। शिव ने अपने रूप में प्रकट होकर उन दोनों को नल-दमयंती के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया तथा कहा कि हंस के रूप में वे उन दोनों के मिलन का निमित्त बनेंगे। शिव का वह रूप यतिनाथ के नाम से प्रसिद्ध है।[1]

भगवान शिव के अन्य नाम
सर्वज्ञ मारजित रुद्र शम्भू ईश पशुपति शूलिन महेश्वर
भगवत ईशान शंकर चन्द्रशेखर शर्व भूतेश पिनाकिन् खण्डपरशु
मृड मृत्युंजय कृत्तिवासस गिरिश प्रमथाधिप उग्र कपर्दिन श्रीकण्ठ
शितकिण्ठ कपालभृत वामदेव महादेव विरूपाक्ष त्रिलोचन कृशानुरेतस धूर्जटि
नीललोहित हर स्मरहर भर्ग त्र्यम्बक त्रिपुरान्तक गंगधर अन्धकरिपु
क्रतुध्वंसिन वृषध्वज व्योमकेश भव भीम स्थाणु उमापति गिरीश
शिव


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख