अटेर का क़िला: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 42: | Line 42: | ||
'''अटेर का क़िला''' [[मध्य प्रदेश|मध्य प्रदेश राज्य]] के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह [[भिंड ज़िला|भिंड ज़िले]] में स्थित है और प्रमुख पर्यटन स्थल है। | '''अटेर का क़िला''' [[मध्य प्रदेश|मध्य प्रदेश राज्य]] के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह [[भिंड ज़िला|भिंड ज़िले]] में स्थित है और प्रमुख पर्यटन स्थल है। | ||
*यह क़िला भदौरिया राजा बदनसिंह ने 1664 से 1668 ई. के बीच बनवाया था। भदौरिया राजाओं के नाम पर ही [[भिंड]] क्षेत्र को पहले 'बधवार' कहा जाता था। | *यह क़िला भदौरिया राजा बदनसिंह ने 1664 से 1668 ई. के बीच बनवाया था। भदौरिया राजाओं के नाम पर ही [[भिंड]] क्षेत्र को पहले ''''बधवार'''' कहा जाता था। | ||
*गहरी [[चंबल नदी]] की घाटी में स्थित यह क़िला भिंड ज़िले से 35 कि.मी. पश्चिम में स्थित है। | *गहरी [[चंबल नदी]] की घाटी में स्थित यह क़िला भिंड ज़िले से 35 कि.मी. पश्चिम में स्थित है। | ||
*'खूनी दरवाज़ा', 'बदन सिंह का महल', 'हथियापोर', 'राजा का बंगला', 'रानी का बंगला' और 'बारह खंबा महल' इस क़िले के मुख्य आकर्षण हैं। | *'खूनी दरवाज़ा', 'बदन सिंह का महल', 'हथियापोर', 'राजा का बंगला', 'रानी का बंगला' और 'बारह खंबा महल' इस [[क़िला|क़िले]] के मुख्य आकर्षण हैं। | ||
*चंबल नदी के किनारे बना यह दुर्ग भदावर राजाओं के गौरवशाली इतिहास की कहानी बयां करता है। | *[[चंबल नदी]] के किनारे बना यह दुर्ग भदावर राजाओं के गौरवशाली इतिहास की कहानी बयां करता है। | ||
*अटेर का क़िला अब काफ़ी जर्जर स्थिति में पहुँच चुका है। यदि इस क़िले का पूर्ण रूप से जीर्णोद्धार हो जाए तो यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि अटेर से नजदीक ही [[आगरा]] पड़ता है। [[चंबल नदी]] पर पुल बन जाने के बाद यहां भी बड़ी संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। क़िले के जीर्णोद्धार का काम रुक-रुक कर किया जा रहा है। | *अटेर का क़िला अब काफ़ी जर्जर स्थिति में पहुँच चुका है। यदि इस क़िले का पूर्ण रूप से जीर्णोद्धार हो जाए तो यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि अटेर से नजदीक ही [[आगरा]] पड़ता है। [[चंबल नदी]] पर पुल बन जाने के बाद यहां भी बड़ी संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। क़िले के जीर्णोद्धार का काम रुक-रुक कर किया जा रहा है। | ||
*भदावर राजाओं के इतिहास में इस क़िले का बहुत महत्व है। यह [[हिन्दू]] और [[मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़ल स्थापत्य कला]] का बेजोड़ नमूना है। | *भदावर राजाओं के इतिहास में इस क़िले का बहुत महत्व है। यह [[हिन्दू]] और [[मुग़लकालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़ल स्थापत्य कला]] का बेजोड़ नमूना है। | ||
Line 51: | Line 51: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 17| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
<references/> | <references/> | ||
==बाहरी कड़ियाँ== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
Line 57: | Line 58: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत के दुर्ग}}{{मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}}{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | {{भारत के दुर्ग}}{{मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}}{{मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:मध्य प्रदेश]][[Category:भारत के दुर्ग]][[Category:मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:मध्य प्रदेश]][[Category:भारत के दुर्ग]][[Category:मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल]][[Category:पर्यटन कोश]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]][[Category:इतिहास कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थानावली]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 10:20, 3 May 2018
अटेर का क़िला
| |
विवरण | 'अटेर का क़िला' मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। इसके साथ ही यह राज्य का प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। |
राज्य | मध्य प्रदेश |
ज़िला | भिंड |
निर्माता | बदनसिंह |
निर्माण काल | 1664 से 1668 ई. के बीच |
प्रसिद्धि | ऐतिहासिक स्थल |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश, मध्य प्रदेश का इतिहास, मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल
|
अन्य जानकारी | भदावर राजाओं के इतिहास में इस क़िले का बहुत महत्व है। यह हिन्दू और मुग़ल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। |
अटेर का क़िला मध्य प्रदेश राज्य के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। यह भिंड ज़िले में स्थित है और प्रमुख पर्यटन स्थल है।
- यह क़िला भदौरिया राजा बदनसिंह ने 1664 से 1668 ई. के बीच बनवाया था। भदौरिया राजाओं के नाम पर ही भिंड क्षेत्र को पहले 'बधवार' कहा जाता था।
- गहरी चंबल नदी की घाटी में स्थित यह क़िला भिंड ज़िले से 35 कि.मी. पश्चिम में स्थित है।
- 'खूनी दरवाज़ा', 'बदन सिंह का महल', 'हथियापोर', 'राजा का बंगला', 'रानी का बंगला' और 'बारह खंबा महल' इस क़िले के मुख्य आकर्षण हैं।
- चंबल नदी के किनारे बना यह दुर्ग भदावर राजाओं के गौरवशाली इतिहास की कहानी बयां करता है।
- अटेर का क़िला अब काफ़ी जर्जर स्थिति में पहुँच चुका है। यदि इस क़िले का पूर्ण रूप से जीर्णोद्धार हो जाए तो यहां पर पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि अटेर से नजदीक ही आगरा पड़ता है। चंबल नदी पर पुल बन जाने के बाद यहां भी बड़ी संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। क़िले के जीर्णोद्धार का काम रुक-रुक कर किया जा रहा है।
- भदावर राजाओं के इतिहास में इस क़िले का बहुत महत्व है। यह हिन्दू और मुग़ल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 17| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख