जलसंभर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
(3 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
बंजर भूमि का विकास कार्य 'जलसंभर' आधार पर किया जाता  है। जलसंभर एक भौगोलिक इकाई है, जहाँ किसी क्षेत्र में वर्षा द्वारा प्राप्त [[जल]] एक समान बिन्दु से निकलता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्षा जल के स्थल पर ही इसका संरक्षण करना है।
बंजर भूमि का विकास कार्य 'जलसंभर' आधार पर किया जाता  है। जलसंभर एक भौगोलिक इकाई है, जहाँ किसी क्षेत्र में वर्षा द्वारा प्राप्त [[जल]] एक समान बिन्दु से निकलता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य [[वर्षा]] जल के स्थल पर ही इसका संरक्षण करना है।


वर्षा सिंचित [[कृषि]] की उच्च क्षमता के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने वर्षा सिंचित क्षेत्रों के साकल्यवादी और टिकाऊ विकास को उच्च प्राथमिकता दी है। वर्षा सिंचित शुष्क भूमि खेती को प्रोत्साहन देने के लिए, कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय '''एकीकृत जलसंभर प्रबंधन''' दृष्टिकोण के जरिए जलसंभर कार्यक्रम कार्यान्वित कर रहे हैं।
वर्षा सिंचित [[कृषि]] की उच्च क्षमता के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने वर्षा सिंचित क्षेत्रों के साकल्यवादी और टिकाऊ विकास को उच्च प्राथमिकता दी है। वर्षा सिंचित शुष्क भूमि खेती को प्रोत्साहन देने के लिए, कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय '''एकीकृत जलसंभर प्रबंधन''' दृष्टिकोण के जरिए जलसंभर कार्यक्रम कार्यान्वित कर रहे हैं।


सतही तौर पर कराए गए प्रभाव मूल्यांकन अध्ययनों और दूरसंवेदी प्रौद्योगिकियों ने इस बात का खुलासा किया है कि जलसंभर-आधारित कार्यक्रमों के कारण भूजल संभरण से कुओं और जल निकायों में जलस्तर बढ़ा है तथा फसल की सघनता में वृध्दि हुई है। इसके कारण फसल प्रणाली मे बदलाव होने के चलते अधिक पैदावार तथा मृदा क्षरण में कमी आई है।<ref>{{cite web |url=http://www.starnewsagency.in/2010/06/blog-post_5584.html|title=वर्षा सिंचित खेती की क्षमताओं का इस्तेमाल करना |accessmonthday=31 मार्च|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format=एचटीएमएल|publisher=स्टारन्यूज़|language=हिन्दी }}</ref>
सतही तौर पर कराए गए प्रभाव मूल्यांकन अध्ययनों और दूरसंवेदी प्रौद्योगिकियों ने इस बात का खुलासा किया है कि जलसंभर-आधारित कार्यक्रमों के कारण भूजल संभरण से कुओं और जल निकायों में जलस्तर बढ़ा है तथा फसल की सघनता में वृध्दि हुई है। इसके कारण फसल प्रणाली मे बदलाव होने के चलते अधिक पैदावार तथा मृदा क्षरण में कमी आई है।<ref>{{cite web |url=http://www.starnewsagency.in/2010/06/blog-post_5584.html|title=वर्षा सिंचित खेती की क्षमताओं का इस्तेमाल करना |accessmonthday=31 मार्च|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल|publisher=स्टारन्यूज़|language=हिन्दी }}</ref>
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|आधार=
|प्रारम्भिक=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|पूर्णता=
|शोध=
|शोध=
}}
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://dict.hinkhoj.com/meaning-of-जलसंभर-in-en शब्दार्थ]
*[http://dict.hinkhoj.com/meaning-of-जलसंभर-in-en शब्दार्थ]
*[http://www.starnewsagency.in/2010/06/blog-post_5584.htm वर्षा सिंचित खेती की क्षमताओं का इस्तेमाल करना]
*[http://www.starnewsagency.in/2010/06/blog-post_5584.htm वर्षा सिंचित खेती की क्षमताओं का इस्तेमाल करना]
*[http://www.pravakta.com/story/ वर्षा सिंचित खेती]
*[http://www.pravakta.com/story/ वर्षा सिंचित खेती]
*[http://webvarta.com/script_detail.php?script_id=572&catid=2 वेब वार्ता]
*[http://webvarta.com/script_detail.php?script_id=572&catid=2 वेब वार्ता]
[[Category:नया पन्ना]]
*[http://www.hindi.indiawaterportal.org/share/262  जल संभर प्रबंधन में डिप्लोमा (डीडब्ल्यूएम)]
 


==संबंधित लेख==
{{भूगोल शब्दावली}}
[[Category:भूगोल शब्दावली]]
[[Category:कृषि]][[Category:भूगोल_कोश]]
[[Category:कृषि]][[Category:भूगोल_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 12:00, 20 May 2012

बंजर भूमि का विकास कार्य 'जलसंभर' आधार पर किया जाता है। जलसंभर एक भौगोलिक इकाई है, जहाँ किसी क्षेत्र में वर्षा द्वारा प्राप्त जल एक समान बिन्दु से निकलता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्षा जल के स्थल पर ही इसका संरक्षण करना है।

वर्षा सिंचित कृषि की उच्च क्षमता के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने वर्षा सिंचित क्षेत्रों के साकल्यवादी और टिकाऊ विकास को उच्च प्राथमिकता दी है। वर्षा सिंचित शुष्क भूमि खेती को प्रोत्साहन देने के लिए, कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय एकीकृत जलसंभर प्रबंधन दृष्टिकोण के जरिए जलसंभर कार्यक्रम कार्यान्वित कर रहे हैं।

सतही तौर पर कराए गए प्रभाव मूल्यांकन अध्ययनों और दूरसंवेदी प्रौद्योगिकियों ने इस बात का खुलासा किया है कि जलसंभर-आधारित कार्यक्रमों के कारण भूजल संभरण से कुओं और जल निकायों में जलस्तर बढ़ा है तथा फसल की सघनता में वृध्दि हुई है। इसके कारण फसल प्रणाली मे बदलाव होने के चलते अधिक पैदावार तथा मृदा क्षरण में कमी आई है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वर्षा सिंचित खेती की क्षमताओं का इस्तेमाल करना (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) स्टारन्यूज़। अभिगमन तिथि: 31 मार्च, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख