चेर वंश: Difference between revisions
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*[[अशोक]] के शिलालेखों में 'केरलपुत्र' के नाम से चर्चित चेर राज्य को 'कुडावर', 'बिल्लवर', 'कुट्टवर', 'पुरैयार', 'मलैयर' एवं 'बनारवर' आदि नामों से भी जाना जाता है। | *[[अशोक]] के शिलालेखों में 'केरलपुत्र' के नाम से चर्चित चेर राज्य को 'कुडावर', 'बिल्लवर', 'कुट्टवर', 'पुरैयार', 'मलैयर' एवं 'बनारवर' आदि नामों से भी जाना जाता है। | ||
*चेरों का राजकीय चिह्न 'धनुष' था। | *चेरों का राजकीय चिह्न 'धनुष' था। | ||
*चेर शासकों के समय [[मुजरिस]] को प्रमुख बन्दरगाह बनाया गया था। | |||
==चेर वंश के प्रमुख शासक== | ==चेर वंश के प्रमुख शासक== | ||
वे शासक, जिनके नाम चेर वंश में विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, इस प्रकार से हैं- | वे शासक, जिनके नाम चेर वंश में विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, इस प्रकार से हैं- |
Latest revision as of 06:16, 26 November 2011
- ऐतरेय ब्राह्मण में उल्लिखित 'चेरपाद:' सम्भवत: चेरों के विषय में प्रथम जानकारी है।
- इसके अतिरिक्त रामायण, महाभारत, अशोक के शिलालेख, कालिदास के 'रघुवंश महाकाव्य' एवं 'संगम साहित्य' से भी चेरों के बारे में जानकारी मिलती है।
- चेर राज्य आधुनिक कोंकण, मालाबार का तटीय क्षेत्र तथा उत्तरी त्रावनकोर एवं कोचीन तक विस्तृत था।
- अशोक के शिलालेखों में 'केरलपुत्र' के नाम से चर्चित चेर राज्य को 'कुडावर', 'बिल्लवर', 'कुट्टवर', 'पुरैयार', 'मलैयर' एवं 'बनारवर' आदि नामों से भी जाना जाता है।
- चेरों का राजकीय चिह्न 'धनुष' था।
- चेर शासकों के समय मुजरिस को प्रमुख बन्दरगाह बनाया गया था।
चेर वंश के प्रमुख शासक
वे शासक, जिनके नाम चेर वंश में विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं, इस प्रकार से हैं-
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