कादिरी सिलसिला: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''कादिरी सिलसिला''' की स्थापना 'सैय्यद अबुल कादि अल गि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
'''कादिरी सिलसिला''' की स्थापना 'सैय्यद अबुल कादि अल गिलानी' ने की थी। इनको 'पीरान-ए-पीर' (संतो के प्रधान) तथा 'पीर-ए-दस्तगीर' (मददगार संत) आदि की उपाधियाँ प्राप्त थीं।
'''कादिरी या कदीरिया सिलसिला''' की स्थापना 'सैय्यद अबुल कादि अल गिलानी' ने की थी। इनको 'पीरान-ए-पीर' (संतो के प्रधान) तथा 'पीर-ए-दस्तगीर' (मददगार संत) आदि की उपाधियाँ प्राप्त थीं।


*[[भारत]] में इस 'संघ' या 'सिलसिले' के प्रवर्तक 'मुहम्मद गौस' थे।
*[[भारत]] में इस 'संघ' या 'सिलसिले' के प्रवर्तक 'मुहम्मद गौस' थे।
Line 12: Line 12:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{इस्लाम धर्म}}
{{इस्लाम धर्म}}
[[Category:इस्लाम धर्म]][[Category:इस्लाम धर्म कोश]]
[[Category:इस्लाम धर्म]][[Category:इस्लाम धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 13:17, 21 March 2014

कादिरी या कदीरिया सिलसिला की स्थापना 'सैय्यद अबुल कादि अल गिलानी' ने की थी। इनको 'पीरान-ए-पीर' (संतो के प्रधान) तथा 'पीर-ए-दस्तगीर' (मददगार संत) आदि की उपाधियाँ प्राप्त थीं।

  • भारत में इस 'संघ' या 'सिलसिले' के प्रवर्तक 'मुहम्मद गौस' थे।
  • कादिरी सिलसिले के अनुयायी गाने-बजाना पसन्द नहीं करते थे और इसके घोर विरोधी थे।
  • इस सिलसिले के अनुयायी हरे रंग की पगड़ियाँ सिर पर धारण करते थे।
  • मुग़ल बादशाह शाहजहाँ का पुत्र दारा शिकोह इस सिलसिले का अनुयायी था। दारा शिकोह 'मुल्लाशाह बदख्शी' का शिष्य था।
  • भारत में प्रारंभ में यह सिलसिला 'उच्छ' (सिंध) में सीमित था, परन्तु बाद में आगरा एवं अन्य स्थानों पर भी फैल गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख