यतिनाथ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
No edit summary
Line 33: Line 33:
| [[शितकिण्ठ (शिव)|शितकिण्ठ]]
| [[शितकिण्ठ (शिव)|शितकिण्ठ]]
| [[कपालभृत्]]
| [[कपालभृत्]]
| [[वामदेव]]
| [[वामदेव (शिव)]]
| [[महादेव]]
| [[महादेव]]
| [[विरूपाक्ष]]
| [[विरूपाक्ष]]

Revision as of 11:58, 20 February 2011

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

अंबुदाचल पर एक भील तथा भीलनी रहते थे। एक बार शिव ने उनकी परीक्षा लेने के निमित्त यती का रूप धारण किया और रात-भर उनके घर रहने की इच्छा प्रकट की। घर में दो से अधिक व्यक्ति नहीं आ सकते थे, अत: भील रातभर पहरा देता रहा, भीलनी और यती घर के अंदर सोते रहे। रात में सिंहों ने भील को मारकर खा लिया तथा हड्डियाँ वहीं पर छोड़ दीं। भीलनी को प्रात: ज्ञात हुआ तो वह यती पर रुष्ट न होकर अपने पति के भाग्य को सराहती रही तथा उसकी अस्थियों के साथ सती होने के लिए उद्यत हुई। शिव ने अपने रूप में प्रकट होकर उन दोनों को नल-दमयंती के रूप में जन्म लेने का वरदान दिया तथा कहा कि हंस के रूप में वे उन दोनों के मिलन का निमित्त बनेंगे। शिव का वह रूप यतिनाथ के नाम से प्रसिद्ध है।[1]

भगवान शिव के अन्य नाम
सर्वज्ञ मारजित् रुद्र शम्भू ईश पशुपति शूलिन महेश्वर
भगवत् ईशान शंकर चन्द्रशेखर शर्व भूतेश पिनाकिन् खण्डपरशु
मृड मृत्युंजय कृत्तिवासस् गिरिश प्रमथाधिप उग्र कपर्दिन् श्रीकण्ठ
शितकिण्ठ कपालभृत् वामदेव (शिव) महादेव विरूपाक्ष त्रिलोचन कृशानुरेतस् धूर्जटि
नीललोहित हर स्मरहर भर्ग त्र्यम्बक त्रिपुरान्तक गंगधर अन्धकरिपु
क्रतुध्वंसिन वृषध्वज व्योमकेश भव भीम स्थाणु उमापति गिरीश
शिव


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

[[[Category:नया पन्ना]]

[Category:पर्यायवाची कोश]]