शहीद स्मारक: Difference between revisions
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*शहीद स्मारक उन बहादुरों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। | *शहीद स्मारक उन बहादुरों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। | ||
*संगमरमर से बना यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है। | *संगमरमर से बना यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है। | ||
*2005 से यहां विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा मेरठ के नागरिकों तथा शहीद स्मारक, मेरठ के सहयोग से विकास की एक संयुक्त प्रक्रिया चलाई जा रही है, जिसके फलस्वरूप यह स्थल एक अति मनोरम पार्क के रूप में उभर कर आ रहा है। | |||
*यहां 1857 के शहीदों की यादों को संजोकर रखा गया है जिससे आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान से प्रेरणा मिल सके। | |||
Revision as of 11:52, 18 August 2011
- 29 मार्च सन 1857 को अंग्रेज़ अफसरों पर आक्रमण करने के आरोप में क्रांतिकारी शहीद मंगल पांडे, जिन्हें उसी वर्ष 8 अप्रैल को फाँसी पर चढा दिया था, को सन 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के 'प्रथम नायक' के रूप में जाना जाता है।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ ज़िला इस 1857 की क्रान्ति एवं स्वतंत्रता संग्राम आन्दोलन का हृदय स्थल है।
- इस स्तम्भ का निर्माण सन 1957 में 1857 की क्रांति की '100वीं' सालगिरह पर कराया गया था।
- यह स्मारक मेरठ के 'भैंसाली मैदान' के पास 'टैक्सी स्टैण्ड' तथा 'आयकर कार्यालय' के बीच पार्क में स्थित है।
- यहाँ स्थित शिलालेख पर 85 सिपाहियों के नाम खुदे हुए हैं।
- शहीद स्मारक उन बहादुरों को समर्पित है, जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
- संगमरमर से बना यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है।
- 2005 से यहां विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा मेरठ के नागरिकों तथा शहीद स्मारक, मेरठ के सहयोग से विकास की एक संयुक्त प्रक्रिया चलाई जा रही है, जिसके फलस्वरूप यह स्थल एक अति मनोरम पार्क के रूप में उभर कर आ रहा है।
- यहां 1857 के शहीदों की यादों को संजोकर रखा गया है जिससे आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान से प्रेरणा मिल सके।
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