उत्तर गुप्त राजवंश: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''उत्तर गुप्त वंश''' ने भारत में लगभग दो शताब्दियों त...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
'''उत्तर गुप्त वंश''' ने [[भारत]] में लगभग दो शताब्दियों तक शासन किया था। इस वंश को संस्थापक [[कृष्ण गुप्त]] को माना जाता है। जिस समय [[गुप्त वंश]] का पतन हुआ, तब तत्कालीन राजनीति में विकेन्द्रीकरण एवं अनिश्‍चितता का माहौल उत्पन्‍न हो गया था। कई स्थानीय सामन्तों एवं शासकों ने विद्रोह कर दिया और साम्राज्य के विस्तृत क्षेत्रों में अलग-अलग राजवंशों की स्थापना कर ली। 'उत्तर गुप्त राजवंश' इन्हीं में से एक था।
'''उत्तर गुप्त वंश''' ने [[भारत]] में लगभग दो शताब्दियों तक शासन किया था। इस वंश का संस्थापक [[कृष्ण गुप्त]] को माना जाता है। जिस समय [[गुप्त वंश]] का पतन हुआ, तब तत्कालीन राजनीति में विकेन्द्रीकरण एवं अनिश्‍चितता का माहौल उत्पन्‍न हो गया था। कई स्थानीय सामन्तों एवं शासकों ने विद्रोह कर दिया और साम्राज्य के विस्तृत क्षेत्रों में अलग-अलग राजवंशों की स्थापना कर ली। 'उत्तर गुप्त राजवंश' इन्हीं में से एक था।


*इस वंश के लेखों में चक्रवर्ती गुप्त राजाओं का उल्लेख नहीं हुआ है।
*इस वंश के लेखों में चक्रवर्ती गुप्त राजाओं का उल्लेख नहीं हुआ है।

Latest revision as of 08:51, 15 April 2013

उत्तर गुप्त वंश ने भारत में लगभग दो शताब्दियों तक शासन किया था। इस वंश का संस्थापक कृष्ण गुप्त को माना जाता है। जिस समय गुप्त वंश का पतन हुआ, तब तत्कालीन राजनीति में विकेन्द्रीकरण एवं अनिश्‍चितता का माहौल उत्पन्‍न हो गया था। कई स्थानीय सामन्तों एवं शासकों ने विद्रोह कर दिया और साम्राज्य के विस्तृत क्षेत्रों में अलग-अलग राजवंशों की स्थापना कर ली। 'उत्तर गुप्त राजवंश' इन्हीं में से एक था।

  • इस वंश के लेखों में चक्रवर्ती गुप्त राजाओं का उल्लेख नहीं हुआ है।
  • उत्तर गुप्त वंश की स्थापना कृष्ण गुप्त ने की थी।
  • असफढ़ अभिलेख अतैथिक होने के कारण कृष्ण गुप्त का शासनकाल सुनिश्चित रूप से निर्धारित नहीं किया जा सकता तथापि इस दिशा में ईशान वर्मा के हड़हा अभिलेख से सहायता मिलती है, जिसकी तिथि 554 ईस्वी है।
  • अभिलेख के अनुसार कृष्ण गुप्त का मूल स्थान मगध था, जबकि विद्वानों ने उसका मूल स्थान मालवा कहा गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख