कुनैन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org")
No edit summary
Line 15: Line 15:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{रसायन_विज्ञान}}
{{चिकित्सा विज्ञान}}
[[Category:रसायन_विज्ञान]][[Category:विज्ञान]][[Category:विज्ञान कोश]][[Category:हिन्दी_विश्वकोश]]
[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:चिकित्सा विज्ञान]][[Category:विज्ञान कोश]][[Category:हिन्दी_विश्वकोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 08:11, 24 April 2018

कुनैन (अंग्रेज़ी: Quinine) एक प्राकृतिक श्वेत क्रिस्टलाइन एल्कलॉएड पदार्थ है, जिसमें ज्वर-रोधी, मलेरिया-रोधी, दर्दनाशक, सूजन रोधी गुण होते हैं। ये क्वाइनिडाइन का स्टीरियो समावयव होता है, जो क्विनाइन से अलग एंटिएर्हाइमिक होता है। ये दक्षिण अमेरिकी पेड़ सिनकोना की छाल से प्राप्त होता है।

वानस्पतिक परिचय

कुनैन रूबिसेइई कुल[1] के सिकोना लेजरियाना मोइंस[2], सिंकोना केलिसाया वेड्ड[3] इत्यादि प्रजातियों के पौधों की छाल से अलग किया जाता है। साधारणत: कुनैन इन पौधों की छाल में कुइनिकाम्ल[4] और सिंकोटैनिकाम्ल[5] के यौगिक में ऐल्केलॉइड रूप में पाया जाता हैं।[6]

महत्त्व

कुनैन वानस्पतिक जगत् में पाया जाने वाला नाइट्रोजन युक्त, समाक्षार समान, ऐल्कोलॉयड नामक, रासायनिक द्रव्य है, जो बहुत ही महत्वपूर्ण और लोककल्याणकारी ओषधि माना जाता है। यह पौष्टिक तथा अग्निवर्धक है। इसका उपयोग गले और सर्दी के विकारों को शांत करने तथा विशेष रूप से मलेरिया ज्वर के शमन के लिए विविध प्रकार की ओषधियों में किया जाता है।

खोज

सिनकोना के पौधों की छाल में कुनैन की खोज का क्षेय फूरक्रॉय[7] को 1792 ई. में प्राप्त हुआ, किंतु इसे विशुद्ध रासायनिक रूप सर्वप्रथम पेल्त्ये[8] और कावाँटू[9] ने 1820 ई. में दिया।[6]

रासायनिक गुण

कुनैन के रंगविहीन, सुई के सदृश, लंबे मणिभों का गलनांक 174.40-175.00 सेंटीग्रेट और विशिष्ट अवस्थाओं में विशिष्ट घूर्णन-158.20 सेंटीग्रेट पाया गया है। कुनैन का स्वाद बहुत ही कड़वा होता है और इसके सल्फ्यूरिक अम्ल के विलयन में विशेष प्रकार के रंग की प्रतिदीप्ति[10] दिखाई पड़ती है। इसके प्रकाशीय समावयव [11] कुइनिडीन[12] का गलनांक 173.50 सेंटीग्रेट पाया गया है।

कुनैन प्राप्त करना

सिनकोना की छाल में से इसके पृथक्करण के लिए छाल को बुझे हुए चूने और दाहक सोडा के 5 प्रतिशत विलयन के साथ पीस लिया जाता है। केरासीन जैसे उपयुक्त विलायकों के साथ ऐल्केलॉइड के अंश को प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से यथासंभव अलग करके विलायक को वाष्पीकरण की क्रिया द्वारा पृथक् कर लिया जाता है। बचे हुए द्रव्यों को थोड़ा गरम और पानी में घुले सल्फ्यूरिक अम्ल में विलीन कर कुछ समय के लिए अलग रखा जाता है, जिससे तैलीय और रेजिन सदृश पदार्थ छानकर निकाले जा सकें। तत्पश्चात् ऐल्कैलॉइड के अम्लीय यौगिक को विरंजक कार्बन से स्वच्छ करके और विलयन को गाढ़ा बनाकर मणिभ के रूप में अलग कर लिया जाता है। उपयुक्त प्रयोग द्वारा विशुद्ध ऐल्कैलॉइड को भी आवश्यकतानुसार पुर्नर्जिवित कर लिया जाता है।[6]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. Fam. Rubiaceae
  2. Cinchona ledgeriana Mones
  3. Cinchona calisaya Wedd
  4. Quinic acid
  5. Cinchotannic acid
  6. 6.0 6.1 6.2 कुनैन (हिन्दी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 14 अगस्त, 2015।
  7. Fourcroy
  8. Pelletier
  9. Caventou
  10. Fluorescence
  11. Optical isomer
  12. Quinidine

संबंधित लेख