हापुड़: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 3: | Line 3: | ||
*यहाँ पर [[तिलहन]], गुड़, गल्ले और [[कपास]] का व्यापार अधिक होता है। | *यहाँ पर [[तिलहन]], गुड़, गल्ले और [[कपास]] का व्यापार अधिक होता है। | ||
*यह राजपूत हरदत्त का बसाया हुआ है। | *यह राजपूत हरदत्त का बसाया हुआ है। | ||
*यहाँ [[औरंगजेब]] के समय की एक मस्जिद है जिस पर 1081 हिजरी =1703 ई॰ का [[अभिलेख]] खुदा हैः कहा जाता है कि [[गयासुद्दीन तुगलक]] ने इस शहर में कुछ नागा लोंगों को देखकर इसका नाम हयापुर रख दिया था। | *यहाँ [[औरंगजेब]] के समय की एक मस्जिद है जिस पर 1081 [[हिजरी]] =1703 ई॰ का [[अभिलेख]] खुदा हैः कहा जाता है कि [[गयासुद्दीन तुगलक]] ने इस शहर में कुछ नागा लोंगों को देखकर इसका नाम हयापुर रख दिया था। | ||
*फ्यूरर ने हापुड़ का अर्थ फलो-द्यान से किया है। किन्तु सम्भवतः ‘हापुड’ हरपुर का बिगड़ा हुआ रूप है। | *फ्यूरर ने हापुड़ का अर्थ फलो-द्यान से किया है। किन्तु सम्भवतः ‘हापुड’ हरपुर का बिगड़ा हुआ रूप है। | ||
Latest revision as of 10:23, 4 September 2012
हापुड़ उत्तर प्रदेश राज्य, मेरठ से लगभग 30 किलोमीटर दूर यह नगर स्थित है, जो कि रेलवे का जंक्शन भी है।
- यह ग़ाजियाबाद ज़िले की प्रसिद्ध व्यपारिक मण्डी है।
- यहाँ पर तिलहन, गुड़, गल्ले और कपास का व्यापार अधिक होता है।
- यह राजपूत हरदत्त का बसाया हुआ है।
- यहाँ औरंगजेब के समय की एक मस्जिद है जिस पर 1081 हिजरी =1703 ई॰ का अभिलेख खुदा हैः कहा जाता है कि गयासुद्दीन तुगलक ने इस शहर में कुछ नागा लोंगों को देखकर इसका नाम हयापुर रख दिया था।
- फ्यूरर ने हापुड़ का अर्थ फलो-द्यान से किया है। किन्तु सम्भवतः ‘हापुड’ हरपुर का बिगड़ा हुआ रूप है।
|
|
|
|
|