परमार वंश: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
प्रीति चौधरी (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
मालवा के परमार वंशी शासक सम्भवतः [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूटों]] या फिर [[गुर्जर प्रतिहार वंश|प्रतिहारों]] के समान थे। इस वंश के प्रारम्भिक शासक उपेन्द्र, वैरसिंह प्रथम, सीयक प्रथम, वाक्पति प्रथम एवं वैरसिंह द्वितीय थे। उपेन्द्र अथवा कृष्णराज परमार वंश का संस्थापक था। परमारों की प्रारम्भिक राजधानी [[उज्जैन]] में थी पर [[कालान्तर]] में राजधानी '''धार''', [[मध्य प्रदेश]] में स्थानान्तरित कर ली गई। इस वंश का प्रथम स्वतंत्र एवं प्रतापी राजा '''सीयक अथवा श्रीहर्ष''' था। उसने अपने वंश को राष्ट्रकूटों की अधीनता से मुक्त कराया। | [[मालवा]] के परमार वंशी शासक सम्भवतः [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूटों]] या फिर [[गुर्जर प्रतिहार वंश|प्रतिहारों]] के समान थे। इस वंश के प्रारम्भिक शासक उपेन्द्र, वैरसिंह प्रथम, सीयक प्रथम, वाक्पति प्रथम एवं वैरसिंह द्वितीय थे। उपेन्द्र अथवा कृष्णराज परमार वंश का संस्थापक था। परमारों की प्रारम्भिक राजधानी [[उज्जैन]] में थी पर [[कालान्तर]] में राजधानी '''धार''', [[मध्य प्रदेश]] में स्थानान्तरित कर ली गई। इस वंश का प्रथम स्वतंत्र एवं प्रतापी राजा '''सीयक अथवा श्रीहर्ष''' था। उसने अपने वंश को राष्ट्रकूटों की अधीनता से मुक्त कराया। | ||
*[[वाक्पति मुंज]] (973 से 995 ई.) | *[[वाक्पति मुंज]] (973 से 995 ई.) | ||
*[[भोज]] ( | *[[भोज परमार]] (1018 से 1060 ई.) | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | |||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक= | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत के राजवंश}} | {{भारत के राजवंश}} | ||
[[Category:भारत के राजवंश]] | [[Category:भारत के राजवंश]][[Category:इतिहास कोश]] | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 11:17, 20 April 2013
मालवा के परमार वंशी शासक सम्भवतः राष्ट्रकूटों या फिर प्रतिहारों के समान थे। इस वंश के प्रारम्भिक शासक उपेन्द्र, वैरसिंह प्रथम, सीयक प्रथम, वाक्पति प्रथम एवं वैरसिंह द्वितीय थे। उपेन्द्र अथवा कृष्णराज परमार वंश का संस्थापक था। परमारों की प्रारम्भिक राजधानी उज्जैन में थी पर कालान्तर में राजधानी धार, मध्य प्रदेश में स्थानान्तरित कर ली गई। इस वंश का प्रथम स्वतंत्र एवं प्रतापी राजा सीयक अथवा श्रीहर्ष था। उसने अपने वंश को राष्ट्रकूटों की अधीनता से मुक्त कराया।
- वाक्पति मुंज (973 से 995 ई.)
- भोज परमार (1018 से 1060 ई.)
|
|
|
|
|