अकृत: Difference between revisions
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Latest revision as of 06:51, 3 August 2023
अकृत उत्तर भारत में प्रचलित 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' का एक शब्द है, जिसका अर्थ है- अविकसित भूमि- इस पद की तुलना ‘अप्रहत’ (न जोती गई), ‘खिल’ (परती भूमि) से की जा सकती है।
अकृत (विशेषण) [नञ्+कृ+क्त]
1. जो किया न गया हो।
2. गलत या भिन्न तरीके से किया गया।
3. अधूरा, जो तैयार न हो (जैसे रसोई)।
4. अनिर्मित
5. जिसने कोई काम न किया हो।
6. अपक्व, कच्चा-ता जो बेटी होने पर भी बेटी न मानी जाकर पुत्रों के समकक्ष समझी जाए; -तं (नपुं.) कार्य जो किया न गया हो, काम का न किया जाना, जो काम कभी सुना न गया हो। सम. -अर्थ (विशेषण) असफल, -अभ्यागम (अकृताभ्यागम) पु. अकृत कर्म के फल की प्राप्ति।-अस्त्र (विशेषण) जिसे हथियार चलाने का अभ्यास न हो,-आत्मन (विशेषण)
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 04 |