ख़दीजा: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replace - "वक्त " to "वक़्त ") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "Category:इस्लाम धर्म कोश" to "Category:इस्लाम धर्म कोशCategory:धर्म कोश") |
||
(7 intermediate revisions by 6 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''ख़दीजा | '''ख़दीजा''' [[पैग़म्बर मुहम्मद]] ([[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] के संस्थापक) की पहली पत्नी थीं। मुहम्मद साहब से जब वह मिलीं, तो उस समय वह अपने व्यापार की कुशल देखरेख करने के कारण समृद्ध बन चुकी थीं और एक धनवान व्यापारी की विधवा थीं। मुहम्मद को व्यापार प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त करने के कुछ ही समय बाद ख़दिजा ने उन्हें खाविंद के तौर पर उपयुक्त पाया। इससे पहले उनका दो बार निकाह हो चुका था व दोनों से उनकी औलादें थीं। | ||
==स्रोतों के अनुसार== | ==स्रोतों के अनुसार== | ||
अधिकांश स्रोतों के अनुसार , निकाह के वक़्त उनकी उम्र लगभग 40 थी, जबकि मुहम्मद 25 के थे। लेकिन उनका कम से कम छह बच्चों को जन्म देना दर्शाता है कि शायद वह कम उम्र की थीं। जब मुहम्मद साहब को पहले इल्हाम हुआ, तो ख़दिजा ने | अधिकांश स्रोतों के अनुसार, निकाह के वक़्त उनकी उम्र लगभग 40 थी, जबकि मुहम्मद 25 के थे। लेकिन उनका कम से कम छह बच्चों को जन्म देना दर्शाता है कि शायद वह कम उम्र की थीं। जब मुहम्मद साहब को पहले इल्हाम हुआ, तो ख़दिजा ने उन्हें सहायता दी व प्रोत्साहित किया और जब कई प्रमुख मक्कावासी उनका विरोध करने लगे, तो वह उनके प्रति वफ़ादार बनी रहीं। जब तक वह जीवित रहीं, मुहम्मद ने और कोई [[विवाह]] नहीं किया। | ||
{{लेख प्रगति | |||
[[Category:इस्लाम धर्म कोश]] | |आधार= | ||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{इस्लाम धर्म}} | |||
[[Category:इस्लाम धर्म]][[Category:इस्लाम धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]] | |||
__INDEX__ |
Latest revision as of 13:17, 21 March 2014
ख़दीजा पैग़म्बर मुहम्मद (इस्लाम के संस्थापक) की पहली पत्नी थीं। मुहम्मद साहब से जब वह मिलीं, तो उस समय वह अपने व्यापार की कुशल देखरेख करने के कारण समृद्ध बन चुकी थीं और एक धनवान व्यापारी की विधवा थीं। मुहम्मद को व्यापार प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त करने के कुछ ही समय बाद ख़दिजा ने उन्हें खाविंद के तौर पर उपयुक्त पाया। इससे पहले उनका दो बार निकाह हो चुका था व दोनों से उनकी औलादें थीं।
स्रोतों के अनुसार
अधिकांश स्रोतों के अनुसार, निकाह के वक़्त उनकी उम्र लगभग 40 थी, जबकि मुहम्मद 25 के थे। लेकिन उनका कम से कम छह बच्चों को जन्म देना दर्शाता है कि शायद वह कम उम्र की थीं। जब मुहम्मद साहब को पहले इल्हाम हुआ, तो ख़दिजा ने उन्हें सहायता दी व प्रोत्साहित किया और जब कई प्रमुख मक्कावासी उनका विरोध करने लगे, तो वह उनके प्रति वफ़ादार बनी रहीं। जब तक वह जीवित रहीं, मुहम्मद ने और कोई विवाह नहीं किया।
|
|
|
|
|