निर्बलता और सबलता -दिनेश सिंह: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('<!-- सबसे पहले इस पन्ने को संजोएँ (सेव करें) जिससे आपको य...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{स्वतंत्र लेख}}")
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
<!-- सबसे पहले इस पन्ने को संजोएँ (सेव करें) जिससे आपको यह दिखेगा कि लेख बनकर कैसा लगेगा -->
[[चित्र:{{PAGENAME}}|thumb|{{PAGENAME}} लिंक पर क्लिक करके चित्र अपलोड करें]]
{{पुनरीक्षण}}<!-- कृपया इस साँचे को हटाएँ नहीं (डिलीट न करें)। इसके नीचे से ही सम्पादन कार्य करें। -->
'''आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है'''
{{स्वतंत्र लेखन नोट}}
{{स्वतंत्र लेखन नोट}}
{{Poemopen}}
{{Poemopen}}
Line 34: Line 30:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{स्वतंत्र लेख}}
[[Category:दिनेश सिंह]]
[[Category:दिनेश सिंह]]
[[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]] [[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]] [[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]]
__NOTOC__
__NOTOC__
__INDEX__
<!-- कृपया इस संदेश से ऊपर की ओर ही सम्पादन कार्य करें। ऊपर आप अपनी इच्छानुसार शीर्षक और सामग्री डाल सकते हैं -->
<!-- यदि आप सम्पादन में नये हैं तो कृपया इस संदेश से नीचे सम्पादन कार्य न करें -->
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
[[Category:नया पन्ना {{LOCALMONTHNAME}} {{LOCALYEAR}}]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 13:19, 26 January 2017

चित्र:Icon-edit.gif यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं।

क्षितिज-वृत्त से दिनकर अपनी
आभा लेकर वह डूब चुका था
कुञ्ज तटी के शांति भवन में
निर्वाक खड़ा मै देख रहा था

अथक परिश्रम कर एक खग
था एक नीड़ निर्माण कर रहा
तृण तृण जोड़ जोड़कर पाती
था प्रेमारस से सींच रहा

शांति चीरता दूर परिधि से
एक तूफान कराल उठा
छिन्न भिन्न कर दिया नीड़
वह उसका सुख ना देख सका

होकर विक्षुब्ध वो व्योम विहारी
फिर एक साख पर बैठ गया था
शायद वह अपनी निर्बलता या
भाग्य-नियति को कोस रहा था

निरख विध्वंसित नीड़ विहग का
हृदय विक्षुब्धिध ब्याकुल विव्हल
यहाँ सबलता के सम्मुख
नित प्रलय सेज पर सोता निर्बल

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

स्वतंत्र लेखन वृक्ष