स्कंधावार: Difference between revisions
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'''स्कंधावार''' [[उत्तर भारत]] में प्रचलित 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' में एक [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है। स्कंधावार का अर्थ है- | '''स्कंधावार''' [[उत्तर भारत]] में प्रचलित 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' में एक [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] है। स्कंधावार का अर्थ है- 'शिविर'। कभी-कभी इसे 'जयस्कंधावार' अर्थात् 'विजेता शिविर' भी कहा जाता था, जो कहीं-कहीं राजा की [[राजधानी]] का भी द्योतक है।<br /> | ||
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स्कंधावार उत्तर भारत में प्रचलित 'प्राचीन भारतीय कृषिजन्य व्यवस्था एवं राजस्व संबंधी पारिभाषिक शब्दावली' में एक शब्द है। स्कंधावार का अर्थ है- 'शिविर'। कभी-कभी इसे 'जयस्कंधावार' अर्थात् 'विजेता शिविर' भी कहा जाता था, जो कहीं-कहीं राजा की राजधानी का भी द्योतक है।
- प्राचीन भारत में किसी बड़े राजा की वह सारी छावनी या पड़ाव, जिसमें घोड़े, हाथी, सेना, सामंत और छोटे या बाहर से आये हुए राजाओं के शिविर आदि होते थे, उसे स्कंधावार कहा जाता था।
- सेना का पड़ाव
- छावनी
- सेना
- वह स्थान जहाँ यात्री, व्यापारी आदि डेरा डाले पड़े हों।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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