स्थाणु: Difference between revisions

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|हिन्दी=पेड़ का ऐसा धड़ जिसके ऊपर की डालियाँ और पत्ते आदि न रह गये हों, ठूँठ, [[शिव]], ग्यारह रुद्रों में से एक, एक प्रजापति, एक प्रकार का बरछा या भाला, धूप–घड़ी का काँटा, स्थवर पदार्थ, जीवक नामक अष्ट–वर्गीय ओषधि, दीमक की बाँबी, घोड़े का एक प्रकार का रोग जिसमें उसकी जाँघ में व्रण या फोड़ा निकलता है।  
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|उदाहरण=कुरुक्षेत्र के थानेश्वर नामक स्थान का प्राचीन नाम जो किसी समय बुहत प्रसिद्ध तीर्थ माना जाता था।  
|उदाहरण=स्थाणु कुरुक्षेत्र के थानेश्वर नामक स्थान का प्राचीन नाम है जो किसी समय बहुत प्रसिद्ध तीर्थ माना जाता था।  
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|पर्यायवाची=अचल, स्थावर, खंभा
|पर्यायवाची=अचल, स्थावर, खंभा

Revision as of 06:23, 16 January 2011

[[चित्र:Shiva.jpg|thumb|शिव
Shiva]]

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

भगवान शिव का एक अन्य नाम स्थाणु भी है।

भगवान शिव के अन्य नाम
सर्वज्ञ मारजित् रुद्र शम्भू ईश पशुपति शूलिन महेश्वर
भगवत् ईशान शंकर चन्द्रशेखर शर्व भूतेश पिनाकिन् खण्डपरशु
मृड मृत्युंजय कृत्तिवासस् गिरिश प्रमथाधिप उग्र कपर्दिन् श्रीकण्ठ
शितकिण्ठ कपालभृत् वामदेव महादेव विरूपाक्ष त्रिलोचन कृशानुरेतस् धूर्जटि
नीललोहित हर स्मरहर भर्ग त्र्यम्बक त्रिपुरान्तक गंगधर अन्धकरिपु
क्रतुध्वंसिन वृषध्वज व्योमकेश भव भीम स्थाणु उमापति गिरीश
यतिनाथ


शब्द संदर्भ
हिन्दी पेड़ का ऐसा धड़ जिसके ऊपर की डालियाँ और पत्ते आदि न रह गये हों, ठूँठ, शिव, ग्यारह रुद्रों में से एक, एक प्रजापति, एक प्रकार का बरछा या भाला, धूप–घड़ी का काँटा, स्थवर पदार्थ, जीवक नामक अष्ट–वर्गीय ओषधि, दीमक की बाँबी, घोड़े का एक प्रकार का रोग जिसमें उसकी जाँघ में व्रण या फोड़ा निकलता है।
-व्याकरण    विशेषण
-उदाहरण   स्थाणु कुरुक्षेत्र के थानेश्वर नामक स्थान का प्राचीन नाम है जो किसी समय बहुत प्रसिद्ध तीर्थ माना जाता था।
-विशेष   
-विलोम   
-पर्यायवाची    अचल, स्थावर, खंभा
संस्कृत
अन्य ग्रंथ
संबंधित शब्द
संबंधित लेख

अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश


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संबंधित लेख