त्रिदेवपरीक्षा: Difference between revisions

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Revision as of 12:14, 21 March 2014

  • एक बार देवताओं के मन में संशय उठा कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश में से कौन सबसे महान है। उसकी परीक्षा के लिए भृगु को नियुक्त किया गया।
  • भृगु सबसे पहले ब्रह्मा के पास पहुँचे तथा उन्हें अभिवादन इत्यादि किये बिना ही उनकी सभा में चले गये। ब्रह्मा ने अपना पुत्र जानकर क्रोधवेश दबा लिया।
  • भृगु शिव के पास गये। शिव ने हाथ बढ़ाकर उनका आलिंगन करना चाहा, किन्तु वे उन्हें उलटी-सीधी बातें कहने लगे। शिव त्रिशूल उठाकर उनके पीछे भागे। सती ने उन्हें रोका तथा शान्त किया।
  • तदन्तर भृगु विष्णु के पास गये। विष्णु लक्ष्मी की गोद में सिर रखकर लेटे हुए थे। भृगु ने उनकी छाती पर अपने पैर से प्रहार किया। विष्णु ने तुरन्त उठकर उनसे क्षमा-याचना की कि उनके आगमन का ज्ञान न होने के कारण वे सुचारु सेवा नहीं कर पाये।
  • देवताओं ने माना कि विष्णु ही सर्वश्रेष्ठ हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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