तटबंध: Difference between revisions
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==महत्त्व== | |||
*छत्र महाखड्ड के आर-पार बरका क्षेत्र में स्थित बाँध बाढ़ पर नियंत्रण रखता है। | |||
*[[बाढ़]] के मैदानों में सिंचाई की सुविधा प्रदान करता है। | |||
*पनबिजली उपलब्ध कराता है। | |||
*[[मछली]] पालन केंद्रों को आधार प्रदान करता है। | |||
*कोसी बेसिन की बलुआ मिट्टी में व्यापक पैमाने पर मक्का की खेती की जाती है। | |||
*[[कोसी नदी]] अपनी विनाशकारी बाढ़ों के लिए कुख्यात रही है, क्योंकि इसका पानी चौबीस घंटो में नौ मीटर तक बढ़ जाता है। उत्तरी [[बिहार]] के विशाल क्षेत्र निवास या [[कृषि]] के लिए असुरक्षित हो जाते हैं, पर तटबंध की मदद से इसे बचाया गया है। | |||
Revision as of 13:01, 30 April 2014
तटबंध ऐसे बाँध अर्थात् पत्थर या कंक्रीट के पलस्तर से सुरक्षित, मिट्टी या मिट्टी तथा कंकड़ इत्यादि के मिश्रण से बनाए गये तटों या ऊँचे, लंबें टीलों को कहते हैं, जिनसे पानी के बहाव को रोकने अथवा सीमित करने का काम लिया जाता है, जैसे-
- किसी नदी, नहर या अन्य प्रकार के पानी के बहाव को निश्चित सीमा के भीतर रखने के लिये।
- दलदली भूमि में जल की बाढ़ को रोकने अथवा भूमि के पृष्ठ से ऊँचे स्थित गढ़े, या जल निकास मार्ग की दीवार का काम करने के लिये।
- समुद्र के किनारे या ज्वार मुहानों पर तट की रक्षा के लिये।
- किसी जलाशय के पानी को रोकने के लिए।
- किसी झील के पानी की सतह को ऊँचा उठाने के लिये।
- समुद्र के किनारे बने तटबंधों से बहुधा जहाजों पर माल लादने, उतारने या यात्रियों को चढ़ाने का काम भी लिया जाता है।[1]
महत्त्व
- छत्र महाखड्ड के आर-पार बरका क्षेत्र में स्थित बाँध बाढ़ पर नियंत्रण रखता है।
- बाढ़ के मैदानों में सिंचाई की सुविधा प्रदान करता है।
- पनबिजली उपलब्ध कराता है।
- मछली पालन केंद्रों को आधार प्रदान करता है।
- कोसी बेसिन की बलुआ मिट्टी में व्यापक पैमाने पर मक्का की खेती की जाती है।
- कोसी नदी अपनी विनाशकारी बाढ़ों के लिए कुख्यात रही है, क्योंकि इसका पानी चौबीस घंटो में नौ मीटर तक बढ़ जाता है। उत्तरी बिहार के विशाल क्षेत्र निवास या कृषि के लिए असुरक्षित हो जाते हैं, पर तटबंध की मदद से इसे बचाया गया है।
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