सीता हरण: Difference between revisions
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सीता हरण / Kidnapping of Sita
वनवास के समय, एक राक्षस ने सीता का हरण किया था। यह राक्षस, जिसका नाम रावण था, लंका का राजा था। रामायण के अनुसार, सीता और लक्ष्मण कुटिया में अकेले थे तब एक हिरण की वाणी सुन कर सीता परेशान हो गयी। वह हिरन कोई और नहीं बल्कि रावण का मामा मारीच था उसने रावण के कहने पर सुनहरे हिरन का रूप बनाया सीता उसे देख कर मोहित हो गयीं और उन्होंने श्रीराम से उस हिरन का शिकार करने का अनुरोध किया । श्रीराम अपनी भार्या की इच्छा पूरी करने चल पडे और लक्ष्मण से सीता की रक्षा करने को कहा मारीच श्रीराम को बहुत दूर ले गया मौका मिलते ही श्रीराम ने तीर चलाया और हिरन बने मारीच का वध कर दिया मरते मरते मारीच ने ज़ोर से "हे सीता ! हे लक्ष्मण" की आवाज़ लगायी उस आवाज़ को सुन सीता चिन्तित हो गयीं और उन्होंने लक्ष्मण को भी श्रीराम के पास जाने को कहा लक्ष्मण जाना नहीं चाहते थे पर अपनी भाभी की बात को ना न कर सके। लक्ष्मण ने जाने से पहले एक रेखा खीची, जिसे लक्ष्मण रेखा के नाम से जाना जाता है। लक्ष्मण के जाने के पश्चात सन्यासी का वेष धारण कर रावण सीता के पास आया और उन्हें हरण कर के ले गया ।