उशीनर: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'''उशीनर''' को [[ऐतरेय ब्राह्मण]]<ref>[[ऐतरेय ब्राह्मण]], 8,14</ref> के अनुसार मध्य देश में स्थित एक जनपद बताया गया है- | '''उशीनर''' को [[ऐतरेय ब्राह्मण]]<ref>[[ऐतरेय ब्राह्मण]], 8,14</ref> के अनुसार मध्य देश में स्थित एक जनपद बताया गया है- | ||
<blockquote>'अस्यांध्रुवायां मध्यमायां प्रतिष्ठायां दिशि'।</blockquote> | <blockquote>'अस्यांध्रुवायां मध्यमायां प्रतिष्ठायां दिशि'।</blockquote> |
Revision as of 14:00, 16 May 2018
उशीनर को ऐतरेय ब्राह्मण[1] के अनुसार मध्य देश में स्थित एक जनपद बताया गया है-
'अस्यांध्रुवायां मध्यमायां प्रतिष्ठायां दिशि'।
- यहीं कुरुपांचाल और वश जनपदों की स्थिति बताई गई है। कौशीतकी उपनिषद में भी उशीनर-वासियों का नाम मत्स्य, कुरुपांचाल और बशदेशीयों के साथ है। *कथासरित्सागर[2] में उशीनरगिरि का उल्लेख कनखल-हरिद्वार के प्रदेश के अंतर्गत किया गया है। यह स्थान दिव्यावदान (पृ. 22) में वर्णित उसिरगिरि और विनयपिटक[3]का उसिरध्वज जान पड़ता है।
- पाणिनि ने अष्टाध्यायी 2, 4, 20 और 4, 2, 118 में उशीनर का उल्लेख किया है। कौशीतकी उपनिषद से ज्ञात होता है कि पूर्व बुद्धकाल में गार्ग्य बालाकि जो काशी नरेश अजातशत्रु का समकालीन था उशीनर देश में रहता था।
- महाभारत में उशीनर नरेश की राजधानी भोजनगर में बताई है-
'गालवो विमृशन्नेव स्वकार्यगतमानस:, जगाम भोजनगरं द्रष्टुमौशीनरं नृपम्।'[4]
- शांतिपर्व महाभारत 29, 39 में उशीनर के शिबि नामक राजा का उल्लेख है-
- 'शिबिमौशीनरं चैव मृतं सृंजय शुश्रृम'।
- ऋग्वेद 10, 59, 10 में उशीनराणी नामक रानी का उल्लेख है-
'समिन्द्रेरय गामनाडवाहंय आवहदुशीनराण्या अन:, भरतामप यद्रपो द्यौ: पृथिवि क्षमारपो मोषुते किंचनाममत्' या जैसा कि उपर्युक्त उद्धरणों से सूचित होता है उशीनदेश वर्तमान हरिद्वार के निकटवर्ती प्रदेश का नाम था। इसमें ज़िला देहरादून का यमुना तटवर्ती प्रदेश भी सम्मिलित था क्योंकि वन पर्व महाभारत 130, 21 में यमुना के पार्श्ववर्ती प्रदेश में उशीनर नरेश द्वारा यज्ञ किए जाने का उल्लेख है-
'जलां चोपजलां चैव, यमुनामभितो नदीम्,
उशीनरो वै यत्रेष्ट्वा वासवादत्यरिच्यत।'
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 102-103| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ ऐतरेय ब्राह्मण, 8,14
- ↑ दुर्गाप्रसाद और काशीनाथ पांडुरंग द्वारा संपादित, तृतीय संस्करण=पृ. 5
- ↑ विनयपिटक भाग 2, पृष्ठ 39
- ↑ उद्योग पर्व महाभारत 118, 2