तराई: Difference between revisions
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Revision as of 12:39, 22 October 2011
तराई वह क्षेत्र है, जिसमें नदियाँ भाभर से निकलकर पुन: धरातल के ऊपर आ जाती हैं। यह अत्याधिक नमी वाला क्षेत्र है, जहाँ घने वन तथा विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं।
स्थिति
तराई उत्तराखण्ड के नैनीताल ज़िले का दक्षिणी भाग है। जिसकी स्थिति 28° 45' से 29° 26' उत्तरी अक्षांश तथा 78° 5' पूर्वी देशांतर है। इसका क्षेत्रफल 776 वर्ग मील है। तराई का क्षेत्र एक पट्टी के रूप में पश्चिम में यमुना नदी से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी तक फैला हुआ है तथा इसका बहुत बड़ा भाग नेपाल में पड़ता है। इसके उत्तरी किनारे पर, जहाँ भाभर का अंत होता है, सेते पाए जाते हैं। घाघरा तराई की सबसे बड़ी एवं मुख्य नदी है तथा काफ़ी दूर तक नौगम्य भी है।
जनसंख्या तथा जलवायु
इस क्षेत्र में जनसंख्या दक्षिण की ओर अधिक है। यहाँ पर वर्ष के कुछ समय को छोड़कर शेष में मलेरिया का भयानक प्रकोप बहुत रहता है। यहाँ की जलवायु अस्वास्थ्यकर है। यहाँ थारु इत्यादि जंगली जातियाँ निवास करती हैं। यहाँ पर धान की कृषि मुख्य रूप से की जाती है। यहाँ नहरों से सिंचाई की भी सुविधा है। यहाँ जंगल अधिक हैं, जिनमें हाथी, चीता, भालू, तेंदुआ आदि जंगली जानवर निवास करते हैं।
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