नैषधचरित: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
{{पुनरीक्षण}} | {{पुनरीक्षण}} | ||
'''नैषधचरित''' [[महाकाव्य]] [[श्रीहर्ष]] की कीर्ति का स्थायी स्मारक है। इसमें 22 सर्ग तथा 2,830 [[श्लोक]] हैं। नैषधचरित में [[निषध]] देश के शासक [[नल]] तथा [[विदर्भ]] के शासक भीम की कन्या [[दमयन्ती]] के प्रणय सम्बन्धों तथा अन्ततोगत्वा उनके [[विवाह]] की कथा का काव्यात्मक वर्णन मिलता है। | |||
{{लेख प्रगति|आधार= | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{संस्कृत साहित्य2}} | {{संस्कृत साहित्य2}} |
Latest revision as of 10:14, 20 June 2012
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
नैषधचरित महाकाव्य श्रीहर्ष की कीर्ति का स्थायी स्मारक है। इसमें 22 सर्ग तथा 2,830 श्लोक हैं। नैषधचरित में निषध देश के शासक नल तथा विदर्भ के शासक भीम की कन्या दमयन्ती के प्रणय सम्बन्धों तथा अन्ततोगत्वा उनके विवाह की कथा का काव्यात्मक वर्णन मिलता है।
|
|
|
|
|