मानसूनी वन: Difference between revisions
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'''मानसूनी वन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Monsoon forest'') ऐसे वनों को कहा जाता है, जो [[मानसून|मानसूनी]] जलवायु प्रदेशों में पाये जाते हैं। [[भारत]] के कुल वन क्षेत्र के 80 प्रतिशत में मानसूनी वन पाये जाते हैं। | '''मानसूनी वन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Monsoon forest'') ऐसे वनों को कहा जाता है, जो [[मानसून|मानसूनी]] जलवायु प्रदेशों में पाये जाते हैं। [[भारत]] के कुल वन क्षेत्र के 80 प्रतिशत में मानसूनी वन पाये जाते हैं। दूसरे शब्दों में 'एक प्रकार के उष्णकटिबंधीय वन, जो वास्तविक मानसून जलवायु वाले प्रदेशों में उन स्थानों पर पाए जाते हैं, जहाँ 40” से 80” तक [[वर्षा]] होती है।' साधारण रूप से ऐसे वन [[भारत]], [[बर्मा]], [[थाइलैंड]] तथा दक्षिण-पूर्वी [[एशिया]] के अन्य भागों में भी पाए जाते हैं। | ||
*मानसूनी जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले ऊँचे-ऊँचे वृक्षों के वन मानसूनी वन कहलाते हैं। | *मानसूनी जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले ऊँचे-ऊँचे वृक्षों के वन मानसूनी वन कहलाते हैं। |
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मानसूनी वन (अंग्रेज़ी: Monsoon forest) ऐसे वनों को कहा जाता है, जो मानसूनी जलवायु प्रदेशों में पाये जाते हैं। भारत के कुल वन क्षेत्र के 80 प्रतिशत में मानसूनी वन पाये जाते हैं। दूसरे शब्दों में 'एक प्रकार के उष्णकटिबंधीय वन, जो वास्तविक मानसून जलवायु वाले प्रदेशों में उन स्थानों पर पाए जाते हैं, जहाँ 40” से 80” तक वर्षा होती है।' साधारण रूप से ऐसे वन भारत, बर्मा, थाइलैंड तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया के अन्य भागों में भी पाए जाते हैं।
- मानसूनी जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले ऊँचे-ऊँचे वृक्षों के वन मानसूनी वन कहलाते हैं।
- इस वन में उगने वाले वृक्ष चौड़ी पत्ती वाले पर्णपाती होते हैं, जो वर्ष में एक बार (प्रायः शीत ऋतु के अंत में) अपनी पत्तियां गिरा देते हैं और उनके स्थान पर पुनः नवीन पत्ते निकलते हैं।
- मानसूनी वनों में साल, सागौन, शीशम, बांस, महुआ, नीम, आम, पीपल आदि अनेक प्रकार के वृक्ष उगते हैं।
- अत्यधिक वर्षा वाले कुछ उष्ण भागों में सदापर्णी वृक्ष भी मिलते हैं, जिनमें महोगनी, देवदार आदि प्रमुख हैं।
- कम वर्षा वाले क्षेत्रों में घासें तथा झाड़ियाँ भी पायी जाती हैं।
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