आदित्य चौधरी -फ़ेसबुक पोस्ट मार्च 2014: Difference between revisions
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| 23 मार्च, 2014 | | 23 मार्च, 2014 | ||
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कहते हैं प्लॅटो जैसा गुरु और अरस्तु जैसा शिष्य एथेंस, यूनान (ग्रीस) में कभी दूसरा नहीं हुआ। प्लॅटो की यूटोपियन धारणा की अरस्तु ने आलोचना की है। आज विश्व के अधिकतर देशों (विशेषकर पश्चिम) में अरस्तु की दार्शनिक पद्धति का अनुसरण होता है। | |||
'अरस्तु' को भौतिकवादी, साम्राज्यवादी या पूँजीवादी आदि कई विशेषण प्राप्त हैं। कुछ बातें अरस्तु ने बहुत अच्छी कही हैं। | |||
अरस्तु ने कहा है- | |||
"उचित व्यक्ति को | |||
उचित समय पर | |||
उचित मात्रा में | |||
उचित ढंग से | |||
सहायता देना बहुत कठिन है।" | |||
भारतीय दर्शन में भी इसी से मिलती-जुलती स्थिति है- | |||
"कुपात्र को दिया गया दान भी व्यर्थ जाता है।" | |||
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| 16 मार्च, 2014 | |||
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Revision as of 14:21, 18 April 2014
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शब्दार्थ