आदित्य चौधरी -फ़ेसबुक पोस्ट मार्च 2015: Difference between revisions

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मनोज चौधरी आए, बात-चीत की और छाप दिया। अच्छा लगा जो मुझे 'छोरा' लिखा... शुक्रिया मनोज जी! भारतकोश और ब्रजडिस्कवरी का महत्व, दैनिक जागरण के द्वारा बताने के लिए।
मनोज चौधरी आए, बात-चीत की और छाप दिया। अच्छा लगा जो मुझे 'छोरा' लिखा... शुक्रिया मनोज जी! भारतकोश और ब्रजडिस्कवरी का महत्व, दैनिक जागरण के द्वारा बताने के लिए।
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| 18 मार्च, 2015
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आदित्य चौधरी फ़ेसबुक पोस्ट
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26 मार्च, 2015

मनोज चौधरी आए, बात-चीत की और छाप दिया। अच्छा लगा जो मुझे 'छोरा' लिखा... शुक्रिया मनोज जी! भारतकोश और ब्रजडिस्कवरी का महत्व, दैनिक जागरण के द्वारा बताने के लिए।

250px|center 18 मार्च, 2015

पीते हम हैं
बहकते आप हैं
जीते हम हैं
चहकते आप हैं
खिलते हम हैं
महकते आप हैं
रोते हम हैं
सिसकते आप हैं
और...
जलते हम हैं
दहकते आप हैं

7 मार्च, 2015

आख़िर होली ने भी रंग बदल ही लिया ...

सुहानी सुबह
आज इक और होली

अलसाई आखोँ से
शरमा के बोली
मुझे ख़ूब खेला है
मैं भी तो खेलूँ

वो दिन गए
जब थी सीधी और भोली

पहले मेरी ज़ात के लोग लाओ
या उनके मज़हब से वाकिफ़ कराओ
यूँ ही मुझे कोई छूएगा कैसे
कोई ग़ैर कैसे करेगा ठिठोली

बहुत मौज लेली है फोकट में राजा
मुझको भी दारू की बोतल पिलाओ
रंगों की मस्ती में रक्खा ही क्या है

मैं इस शहर में और तुम उस शहर में
ई-कार्ड से रंग दिखाओ-सुनाओ

यूँ भी अलर्जी है मुझको रंगों से
कुछ भी करो यार
रंग ना लगाओ
रंग ना लगाओ

250px|center 3 मार्च, 2015


शब्दार्थ

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