त्रिदेवपरीक्षा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:29, 10 January 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
Jump to navigation Jump to search
  • एक बार देवताओं के मन में संशय उठा कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश में से कौन सबसे महान है। उसकी परीक्षा के लिए भृगु को नियुक्त किया गया।
  • भृगु सबसे पहले ब्रह्मा के पास पहुँचे तथा उन्हें अभिवादन इत्यादि किये बिना ही उनकी सभा में चले गये। ब्रह्मा ने अपना पुत्र जानकर क्रोधवेश दबा लिया।
  • भृगु शिव के पास गये। शिव ने हाथ बढ़ाकर उनका आलिंगन करना चाहा, किन्तु वे उन्हें उलटी-सीधी बातें कहने लगे। शिव त्रिशूल उठाकर उनके पीछे भागे। सती ने उन्हें रोका तथा शान्त किया।
  • तदन्तर भृगु विष्णु के पास गये। विष्णु लक्ष्मी की गोद में सिर रखकर लेटे हुए थे। भृगु ने उनकी छाती पर अपने पैर से प्रहार किया। विष्णु ने तुरन्त उठकर उनसे क्षमा-याचना की कि उनके आगमन का ज्ञान न होने के कारण वे सुचारु सेवा नहीं कर पाये।
  • देवताओं ने माना कि विष्णु ही सर्वश्रेष्ठ हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः