Difference between revisions of "राम"

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[[चित्र:Ramayana.jpg|श्री राम, [[लक्ष्मण]] और [[सीता]]<br /> Shri Ram, Laxman And Sita|thumb|200px|left]]
 
[[चित्र:Ramayana.jpg|श्री राम, [[लक्ष्मण]] और [[सीता]]<br /> Shri Ram, Laxman And Sita|thumb|200px|left]]
हिन्दू धर्म में, राम, [[विष्णु]] के १० अवतारों में से एक हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम, महर्षि [[ वाल्मीकि रामायण|वाल्मिकि]] द्वारा रचित, संस्कृत महाकाव्य [[रामायण]] के रूप में लिखा गया है| उनके उपर [[तुलसीदास]] ने भक्ति काव्य श्री [[रामचरितमानस]] रचा था| ख़ास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूज्यनीय माने जाते हैं। रामचन्द्र हिन्दुत्ववादियों के भी आदर्श पुरुष हैं। राम, [[अयोध्या]] के राजा [[दशरथ]] और रानी [[कौशल्या]] के सबसे बड़े पुत्र थे। राम की पत्नी का नाम [[सीता]] था (जो [[लक्ष्मी]] का अवतार मानी जाती है) और इनके तीन भाई थे, [[लक्ष्मण]], [[भरत दशरथ पुत्र|भरत]] और [[शत्रुघ्न]]। [[हनुमान]], भगवान राम के, सबसे बड़े भक्त माने जाते है। राम ने राक्षस जाति के राजा [[रावण]] का वध किया ।
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हिन्दू धर्म में, राम, [[विष्णु]] के 1० अवतारों में से एक हैं। राम का जीवनकाल एवं पराक्रम, महर्षि [[ वाल्मीकि रामायण|वाल्मिकि]] द्वारा रचित, संस्कृत महाकाव्य [[रामायण]] के रूप में लिखा गया है| उनके उपर [[तुलसीदास]] ने भक्ति काव्य श्री [[रामचरितमानस]] रचा था| ख़ास तौर पर उत्तर भारत में राम बहुत अधिक पूज्यनीय माने जाते हैं। रामचन्द्र हिन्दुत्ववादियों के भी आदर्श पुरुष हैं। राम, [[अयोध्या]] के राजा [[दशरथ]] और रानी [[कौशल्या]] के सबसे बड़े पुत्र थे। राम की पत्नी का नाम [[सीता]] था (जो [[लक्ष्मी]] का अवतार मानी जाती है) और इनके तीन भाई थे, [[लक्ष्मण]], [[भरत दशरथ पुत्र|भरत]] और [[शत्रुघ्न]]। [[हनुमान]], भगवान राम के, सबसे बड़े भक्त माने जाते है। राम ने राक्षस जाति के राजा [[रावण]] का वध किया ।
 
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हिन्दू धर्म के कई त्योहार, जैसे [[दशहरा]] और [[दीपावली]], राम की जीवन-कथा से जुडे हुऎ है। माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नही लगाया जा सका है। आज के युग में राम का जन्म, रामनवमी के रुप में मनाया जाता है। राम चार भाईयो में से सबसे बड़े थे, इनके भाइयो के नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। राम बचपन से ही शान्त स्वभाव के वीर पुरुष थे। उन्‍होने मर्यादाओं को हमेशा सर्वोच्‍च स्‍थान दिया था। इसी कारण उन्हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है। उनका राज्य न्‍यायप्रिय और ख़ुशहाल माना जाता था, इसलिए भारत में जब भी सुराज की बात होती है, रामराज या रामराज्य का उद्धरण दिया जाता है। धर्म के मार्ग पर चलने वाले राम ने अपने तीनो भाइयों के साथ गुरु [[वसिष्ठ]] से शिक्षा प्राप्‍त की। राम के बचपन की विस्तार-पूर्वक विवरण स्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के बालकाण्ड से मिलती है। राजा दशरथ के तीन रानियाँ थीः कौशल्या, [[सुमित्रा]] और [[कैकेयी]]। राम कौशल्या के पु्त्र थे, सुमित्रा के दो पु्त्र, लक्ष्मण और शत्रुघ्न थे और कैकेयी के पु्त्र भरत थे। कैकेयी चाहती थी उनके पु्त्र भरत राजा बनें, इसलिए उन्होने राम को, दशरथ द्वारा १४ वर्ष का वनवास दिलाया। राम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया। राम की पत्नी सीता, और उनके भाई लक्ष्मण भी वनवास गये थे।
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हिन्दू धर्म के कई त्योहार, जैसे [[दशहरा]] और [[दीपावली]], राम की जीवन-कथा से जुडे हुऎ है। माना जाता है कि राम का जन्म प्राचीन भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय का अनुमान सही से नही लगाया जा सका है। आज के युग में राम का जन्म, रामनवमी के रुप में मनाया जाता है। राम चार भाईयो में से सबसे बड़े थे, इनके भाइयो के नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न थे। राम बचपन से ही शान्त स्वभाव के वीर पुरुष थे। उन्‍होने मर्यादाओं को हमेशा सर्वोच्‍च स्‍थान दिया था। इसी कारण उन्हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है। उनका राज्य न्‍यायप्रिय और ख़ुशहाल माना जाता था, इसलिए भारत में जब भी सुराज की बात होती है, रामराज या रामराज्य का उद्धरण दिया जाता है। धर्म के मार्ग पर चलने वाले राम ने अपने तीनो भाइयों के साथ गुरु [[वसिष्ठ]] से शिक्षा प्राप्‍त की। राम के बचपन की विस्तार-पूर्वक विवरण स्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के बालकाण्ड से मिलती है। राजा दशरथ के तीन रानियाँ थीः कौशल्या, [[सुमित्रा]] और [[कैकेयी]]। राम कौशल्या के पु्त्र थे, सुमित्रा के दो पु्त्र, लक्ष्मण और शत्रुघ्न थे और कैकेयी के पु्त्र भरत थे। कैकेयी चाहती थी उनके पु्त्र भरत राजा बनें, इसलिए उन्होने राम को, दशरथ द्वारा 1४ वर्ष का वनवास दिलाया। राम ने अपने पिता की आज्ञा का पालन किया। राम की पत्नी सीता, और उनके भाई लक्ष्मण भी वनवास गये थे।
 
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Revision as of 08:53, 7 April 2010

any sambandhit lekh


ram / Rama

[[chitr:Ramayana.jpg|shri ram, lakshman aur sita
Shri Ram, Laxman And Sita|thumb|200px|left]] hindoo dharm mean, ram, vishnu ke 10 avataroan mean se ek haian. ram ka jivanakal evan parakram, maharshi valmiki dvara rachit, sanskrit mahakavy ramayan ke roop mean likha gaya hai| unake upar tulasidas ne bhakti kavy shri ramacharitamanas racha tha| khas taur par uttar bharat mean ram bahut adhik poojyaniy mane jate haian. ramachandr hindutvavadiyoan ke bhi adarsh purush haian. ram, ayodhya ke raja dasharath aur rani kaushalya ke sabase b de putr the. ram ki patni ka nam sita tha (jo lakshmi ka avatar mani jati hai) aur inake tin bhaee the, lakshman, bharat aur shatrughn. hanuman, bhagavan ram ke, sabase b de bhakt mane jate hai. ram ne rakshas jati ke raja ravan ka vadh kiya .


hindoo dharm ke kee tyohar, jaise dashahara aur dipavali, ram ki jivan-katha se jude huऎ hai. mana jata hai ki ram ka janm prachin bharat mean hua tha. unake janm ke samay ka anuman sahi se nahi lagaya ja saka hai. aj ke yug mean ram ka janm, ramanavami ke rup mean manaya jata hai. ram char bhaeeyo mean se sabase b de the, inake bhaiyo ke nam lakshman, bharat aur shatrughn the. ram bachapan se hi shant svabhav ke vir purush the. unh‍hone maryadaoan ko hamesha sarvochh‍ch sh‍than diya tha. isi karan unhe maryada purushottam ram ke nam se jana jata hai. unaka rajy nh‍yayapriy aur khushahal mana jata tha, isalie bharat mean jab bhi suraj ki bat hoti hai, ramaraj ya ramarajy ka uddharan diya jata hai. dharm ke marg par chalane vale ram ne apane tino bhaiyoan ke sath guru vasishth se shiksha praph‍t ki. ram ke bachapan ki vistar-poorvak vivaran svami tulasidas ki ramacharitamanas ke balakand se milati hai. raja dasharath ke tin raniyaan thiah kaushalya, sumitra aur kaikeyi. ram kaushalya ke puhtr the, sumitra ke do puhtr, lakshman aur shatrughn the aur kaikeyi ke puhtr bharat the. kaikeyi chahati thi unake puhtr bharat raja banean, isalie unhone ram ko, dasharath dvara 14 varsh ka vanavas dilaya. ram ne apane pita ki ajna ka palan kiya. ram ki patni sita, aur unake bhaee lakshman bhi vanavas gaye the.

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