हुलासखेड़ा: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('*हुलासखेड़ा उत्तर प्रदेश में लखनऊ में स्थित है। *...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "सिक़्क़े" to "सिक्के") |
||
(7 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
*हुलासखेड़ा [[उत्तर प्रदेश]] में [[लखनऊ]] में स्थित है। | *हुलासखेड़ा [[उत्तर प्रदेश]] में [[लखनऊ]] में स्थित है। | ||
*यहाँ से | *यहाँ से [[कुषाण काल]] से [[गुप्तकाल]] तक के भौतिक अवशेष मिले है, जिनसे पता चलता हैं, कि पाँचवी शताब्दी ईस्वी तक हुलासखेड़ा एक नगर था। | ||
*यहाँ से प्राप्त कुषाणकालीन अवशेषों में सर्वाधिक | *यहाँ से प्राप्त कुषाणकालीन अवशेषों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण 200 मीटर लम्बी सड़क, सुनियोजित जल निकासी-व्यवस्था, कार्तिकेय की स्वर्णप्रतिमा, चाँदी के आहत सिक्के और तीन कुषाण नरेशों के ताम्र सिक्के हैं। | ||
*हुलासखेड़ा से जो गुप्तकालीन अवशेष प्राप्त हुए है, उनमें दुर्ग के भग्नावशेष, ताँबे और चाँदी के सिक्के, गुप्तलिपि में लिखी कुछ मुहरें, हाथीदाँत की कंघी, मुहरछापे, 17 छड़ों वाली लोहे की अण्डाकार वस्तु इत्यादि प्रमुख हैं। | *हुलासखेड़ा से जो गुप्तकालीन अवशेष प्राप्त हुए है, उनमें दुर्ग के भग्नावशेष, ताँबे और चाँदी के सिक्के, गुप्तलिपि में लिखी कुछ मुहरें, हाथीदाँत की कंघी, मुहरछापे, 17 छड़ों वाली लोहे की अण्डाकार वस्तु इत्यादि प्रमुख हैं। | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
|प्रारम्भिक= | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | ||
|माध्यमिक= | |माध्यमिक= | ||
|पूर्णता= | |पूर्णता= | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान}} | |||
{{उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल}} | |||
[[Category: | [[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 11:04, 3 March 2013
- हुलासखेड़ा उत्तर प्रदेश में लखनऊ में स्थित है।
- यहाँ से कुषाण काल से गुप्तकाल तक के भौतिक अवशेष मिले है, जिनसे पता चलता हैं, कि पाँचवी शताब्दी ईस्वी तक हुलासखेड़ा एक नगर था।
- यहाँ से प्राप्त कुषाणकालीन अवशेषों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण 200 मीटर लम्बी सड़क, सुनियोजित जल निकासी-व्यवस्था, कार्तिकेय की स्वर्णप्रतिमा, चाँदी के आहत सिक्के और तीन कुषाण नरेशों के ताम्र सिक्के हैं।
- हुलासखेड़ा से जो गुप्तकालीन अवशेष प्राप्त हुए है, उनमें दुर्ग के भग्नावशेष, ताँबे और चाँदी के सिक्के, गुप्तलिपि में लिखी कुछ मुहरें, हाथीदाँत की कंघी, मुहरछापे, 17 छड़ों वाली लोहे की अण्डाकार वस्तु इत्यादि प्रमुख हैं।
|
|
|
|
|