आत्मविश्वास (सूक्तियाँ): Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - " कदर" to " क़दर")
m (Text replace - "चीज " to "चीज़ ")
Line 74: Line 74:
|-
|-
| (18)
| (18)
| मनुष्य अपनी क्षमताओं  की कभी क़दर  नहीं करता, वह हमेश उस चीज की आस लगाये रहता है जो उसके पास नहीं है।   
| मनुष्य अपनी क्षमताओं  की कभी क़दर  नहीं करता, वह हमेश उस चीज़ की आस लगाये रहता है जो उसके पास नहीं है।   
| हेलेन कलर की किताब 'स्टोरी आफ लाइफ़'
| हेलेन कलर की किताब 'स्टोरी आफ लाइफ़'
|-
|-

Revision as of 13:36, 1 October 2012

क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) आत्मविश्वास किसी भी कार्य के लिए आवश्यक तत्व है। क्योंकि एक बड़ी खाई को दो छोटी छलांगों में पार नहीं किया जा सकता। अज्ञात
(2) आत्मविश्वास के साथ आप गगन चूम सकते हैं और आत्मविश्वास के बिना मामूली सी उपलिब्धयां भी पकड़ से परे हैं। जिम लोहर
(3) पेड़ की शाखा पर बैठा पंछी कभी भी इसलिए नहीं डरता कि डाल हिल रही है, क्योंकि पंछी डाली में नहीं अपने पंखों पर भरोसा करता है।
(4) आत्मविश्वास हमारे उत्साह को जगाकर हमें जीवन में महान उपलब्धियों के मार्ग पर ले जाता है।
(5) अनुभूतियों के सरोवर में, आत्म-विश्वास के कमाल खिलते हैं। अमृतलाल नागर
(6) आत्मविश्वासी व्यक्ति अपने कार्य को पूरा करके ही छोड़ता है। स्वेट मार्डेन
(7) आत्मविश्वास वह संबल है, जो रास्ते की हर बाधा को धराशायी कर सकता है।
(8) आत्मविश्वास, वीरता का सार है। एमर्सन
(9) आत्मविश्वास, सफलता का मुख्य रहस्य है। एमर्शन
(10) आत्मविश्वा बढाने की यह रीति है कि वह का करो जिसको करते हुए डरते हो। डेल कार्नेगी
(11) हास्यवृति, आत्मविश्वास (आने) से आती है। रीता माई ब्राउन
(12) मुस्कराओ, क्योकि हर किसी में आत्म्विश्वास की कमी होती है, और किसी दूसरी चीज़ की अपेक्षा मुस्कान उनको ज़्यादा आश्वस्त करती है। एन्ड्री मौरोइस
(13) करने का कौशल आपके करने से ही आता है।
(14) यह आत्मविश्वास रखो को तुम पृथ्वी के सबसे आवश्यक मनुष्य हो। गोर्की
(15) जिसमे आत्मविश्वास नहीं उसमे अन्य चीजों के प्रति विश्वास कैसे उत्पन्न हो सकता ही। विवेकानंद
(16) आत्मविश्वास, आत्मज्ञान और आत्मसंयम केवल यही तीन जीवन को परम शांति सम्पन्न बना देते हैं। टेनीसन
(17) जिसने अपने को वश में कर लिया है, उसकी जीत को देवता भी हार में नहीं बदल सकते। महात्मा बुद्ध
(18) मनुष्य अपनी क्षमताओं की कभी क़दर नहीं करता, वह हमेश उस चीज़ की आस लगाये रहता है जो उसके पास नहीं है। हेलेन कलर की किताब 'स्टोरी आफ लाइफ़'
(19) जिस व्यक्ति में सफलता के लिए आशा और आत्मविश्वास है, वही व्यक्ति उच्च शिखर पर पहुंचते हैं।
(20) आत्मविश्वास सफलता का प्रमुख रहस्य है। इमर्सन
(21) आत्मविश्वासी कभी हारता नहीं, कभी थकता नहीं, कभी गिरता नहीं और कभी मरता नहीं।
(22) जब तक आत्मविश्वास रूपी सेनापति आगे नहीं बढ़ता तब तक सब शक्तियाँ चुपचाप खड़ी उसका मुँह ताकती रहती हैं।
(23) दृढ़ आत्मविश्वास ही सफलता की एकमात्र कुंजी है।
(24) धर्म परमेश्वर कि कल्पना कर मनुष्य को दुर्बल बना देता है, उसमे आत्मविश्वास उत्पन्न नहीं होने देता और उसकी स्वतंत्रता का अपरहण करता है। नरेन्द्र देव
(25) धैर्यवान मनुष्य आत्मविश्वास की नौका पर सवार होकर आपत्ति की नदियों को सफलतापूर्वक पार कर जाते हैं। भर्तृहरि
(26) आत्मविश्वास सरीखा दूसरा कोई मित्र नहीं। यही हमारी उन्नति में सबसे बड़ा सहयक होता है। स्वामी विवेकानंद
(27) जिस मनुष्य में आत्मविश्वास नहीं है वह शक्तिमान हो कर भी कायर है और पंडित होकर भी मूर्ख है। पं. रामप्रताप त्रिपाठी
(28) ज्ञान की अपेक्षा अज्ञान ज़्यादा आत्मविश्वास पैदा करता है। चार्ल्स डार्विन
(29) यदि आप में आत्मविश्वास नहीं है तो आप हमेशा न जीतने का बहाना खोज लेंगे। कार्ल लेविस
(30) आत्मविश्वास बढाने की यह रीति है कि वह का करो जिसको करते हुए डरते हो। डेल कार्नेगी
(31) आत्मविश्वास के साथ आप गगन चूम सकते हैं, और आत्मविश्वास के बिना मामूली सी उपलब्धियां भी आपकी पकड़ से परे हैं। जिम लोहर
(32) सबसे पहले आत्मविश्वास करना सीखो। आत्मविश्वास सरीखा दूसरा कोई मित्र नहीं। आत्मविश्वास ही भावी उन्नति की सीढ़ी है। स्वामी विवेकानंद
(33) आत्मविश्वास बढ़ाने का तरीका यह है कि तुम वह काम करो जिसे तुम करते हुए डरते हो। इस प्रकार ज्यों-ज्यों तुम्हें सफलता मिलती जाएगी तुम्हारा आत्मविश्वास बढ़ता जाएगा। डेल कारनेगी
(34) जो मनुष्य आत्मविश्वास से सुरक्षित है वह उन चिंताओं और आशंकाओं से मुक्त रहता है जिनसे दूसरे आदमी दबे रहते हैं। स्वेट मार्डेन
(35) आत्मविश्वास, आत्मज्ञान और आत्मसंयम-केवल यही तीन जीवन को परमसंपन्न बना देते हैं। टेनीसन
(36) जवानी जोश है, बल है, साहस है, दया है, आत्मविश्वास है, गौरव है और वह सब कुछ है जो जीवन को पवित्र, उज्ज्वल और पूर्ण बना देता है। प्रेमचन्द
(37) सबसे पहले आत्मविश्वास करना सीखो। आत्मविश्वास सरीखा दूसरा कोई मित्र नहीं। आत्मविश्वास ही भावी उन्नति की सीढ़ी है। स्वामी विवेकानंद
(38) प्रवीणता और आत्मविश्वास अविजित सेनाएं हैं। जॉर्ज हरबर्ट
(39) विकास के लिए यूं तो कई चीजें जरूरी होती हैं, लेकिन कठिनाई और विरोध वह देसी मिट्टी है जिसमें पराक्रम और आत्मविश्वास का विकास होता है। जॉन नेल
(40) प्रवीणता और आत्मविश्वास अविजित सेनाएं हैं। जॉर्ज हरबर्ट
(41) आत्मविश्वास सरीखा दूसरा मित्र नहीं। आत्मविश्वास ही भावी उन्नति की प्रथम सीढ़ी है। विवेकानंद
(42) जब मनुष्य स्वयं आत्मविश्वास खो बैठता है तो उसके पतन का सिरा खोजने से भी नहीं मिलता। अज्ञात
(43) प्रवीणता और आत्मविश्वास - जीवन संग्राम में यही दोनों अविजित सेनाएं हैं। जॉर्ज हरबर्ट

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख