तराना: Difference between revisions
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Latest revision as of 11:29, 22 December 2021
तराना विशिष्ट प्रकार की गायकी है।इसे द्रुत ख्याल के बाद गाया जाता है।
- तराना के शब्द दूसरे गीतों से अलग होते हैं। इसमें नोम, तोम, तनन, ना, दिर, दानी, देरे, तादानी, अली, यलली आदि शब्द होते हैं।
- यह सभी रागों में गाया जाता है। इसे ख्याल के सभी तालों में गाया जाता है।
- तराने की गति मध्य लय से धीरे-धीरे बढ़ाई जाती है और अधिकतम गति में पहुंचकर इसे समाप्त करते हैं।
- तराना गाने का मुख्य उद्देश्य गायकी, लयकारी और उच्चारण अभ्यास है।
- द्रुत लय का तराना गाने से वाणी में सफाई आती है।
- तराना छोटे ख्याल के बाद गाया जाता है।
- कुछ तराना विलंबित लय में भी गाया जाता है लेकिन बहुत कम। कुछ तराना में तबला और पखावज के बोल भी रहते हैं।
- ऐसे तो तराने के शब्द का कोई मतलब नहीं निकल पाता है लेकिन उस्ताद आमिर खान साहब का कहना था की तराने के शब्दों का भी अर्थ होता है। उनके अनुसार तराने में अरबी, फ़ारसी के शब्द होते हैं जिनमें बंदा खुदा से प्रार्थना करता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ तराना क्या है, तराना किसे कहते है? (हिंदी) musicalsday.com। अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2021।
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