प्रांगण:मुखपृष्ठ/खेल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
m (Text replace - "</center> |- style=" padding-top:none;" class="headbg37"" to "|- style=" padding-top:none;" class="headbg37"")
No edit summary
Line 41: Line 41:


| class="bggame" style="border:1px solid #698448;padding:10px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#d1e4bb; border:thin solid #52722c; color:#3f6019">'''विशेष आलेख'''</div>
| class="bggame" style="border:1px solid #698448;padding:10px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#d1e4bb; border:thin solid #52722c; color:#3f6019">'''विशेष आलेख'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[कृष्ण]]'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[राष्ट्रमंडल खेल]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Krishn-title.jpg|right|150px|कृष्ण|link=कृष्ण]] </div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Commonwealth-Games-2010-logo.png|right|150px|प्रतीक चिन्ह, दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010|link=दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010]] </div>
*सनातन धर्म के अनुसार भगवान [[विष्णु]] सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। कृष्ण [[हिन्दू धर्म]] में विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
*राष्ट्रमण्डल खेल, ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल देशों के अन्तर्गत आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिता है।
*[[छांदोग्य उपनिषद]] (3,17,6), जिसमें [[देवकी]] पुत्र कृष्ण का उल्लेख है और उन्हें घोर [[आंगिरस]] का शिष्य कहा है। परवर्ती साहित्य में श्रीकृष्ण को देव या [[विष्णु]] रूप में प्रदर्शित करने का भाव मिलता है।<balloon title="(दे0 तैत्तिरीय आरण्यक, 10, 1, 6; पाणिनि-अष्टाध्यायी, 4, 3, 98 आदि)" style=color:blue>*</balloon>
*'''रिवरेंड एश्ले कूपर नाम के अंग्रेज़ अधिकारी''' ने ब्रिटिश हुकूमत वाले देशों में खेलों के एक महा आयोजन का विचार दिया था। उनका मानना था कि इससे इन देशों में खेल की भावना बढ़ेगी साथ ही लोगों के मन में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति अच्छी भावना आएगी।
*[[महाभारत]] तथा [[हरिवंश पुराण|हरिवंश]], [[विष्णु पुराण|विष्णु]], [[ब्रह्म पुराण|ब्रह्म]], [[वायु पुराण|वायु]], [[भागवत पुराण|भागवत]], [[पद्म पुराण|पद्म]], देवी भागवत [[अग्नि पुराण|अग्नि]] तथा [[ब्रह्मावर्त|ब्रह्मवर्त]] [[पुराण|पुराणों]] में उन्हें प्राय: भगवान के रूप में ही दिखाया गया है।
*[[राष्ट्रमंडल खेल 2010|19वें राष्ट्रमंडल खेलों]] की मेजबानी [[दिल्ली]], [[भारत]] को सौंपी गई। इससे पहले भारत [[1982]] में एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका है।  
*कृष्ण की स्तुति लगभग सारे [[भारत]] में किसी न किसी रूप में की जाती है। वे लोग जिन्हें हम साधारण रूप में नास्तिक या धर्म निरपेक्ष की श्रेणी में रखते हैं निश्चित रूप से [[गीता|भगवत गीता]] से प्रभावित हैं।
*[[एशिया]] में भी यह [[1998]] के क्वालालंपुर, मलेशिया के बाद दूसरा बड़ा आयोजन था।
*यह मत भी भ्रामक है कि [[ब्रज]] के कृष्ण, [[द्वारका]] के कृष्ण तथा महाभारत के कृष्ण एक न होकर अलग-अलग व्यक्ति थे।<balloon title="(श्रीकृष्ण की ऐतिहासिकता तथा तत्संबंधी अन्य समस्याओं के लिए देखिए- राय चौधरी-अर्ली हिस्ट्री आफ वैष्णव सेक्ट, पृ0 39, 52; आर0जी0 भंडारकार-ग्रंथमाला, जिल्द 2, पृ0 58-291; विंटरनीज-हिस्ट्री आफ इंडियन लिटरेचर, जिल्द 1, पृ0 456; मैकडॉनल तथा कीथ-वैदिक इंडेक्स, जि0 1, पृ0 184; ग्रियर्सन-एनसाइक्लोपीडिया आफ रिलीजंस (`भक्ति' पर निबंध); भगवानदास-कृष्ण; तदपत्रिकर-दि कृष्ण प्रायलम; पार्जीटर-ऎश्यंट इंडियन हिस्टारिकल ट्रेडीशन आदि।)" style=color:blue>*</balloon> '''[[कृष्ण|.... और पढ़ें]]'''
*भारत में हुए 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में '''कुल 71 देशों ने भाग लिया'''। 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी '''ग्लासगो (स्कॉटलैण्ड और ब्रिटेन)''' को सौंपी गई।
*भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के माध्यम से अपनी खेल शक्ति, आयोजन क्षमता और अपनी बढ़ती आर्थिक ताक़त की चकाचौंध से दुनिया को चौंधिया दिया।
*दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेल 2010 में भारत ने नया इतिहास रचते हुए पदक तालिका में पहली बार दूसरा स्थान प्राप्त किया। भारत ने पहली बार '''38 स्वर्ण''' पदकों सहित '''कुल 101 पदक''' जीते। '''[[राष्ट्रमंडल खेल|.... और पढ़ें]]'''
 
|-
|-
| class="bggame2" style="border:1px solid #698448; padding:10px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#d1e4bb; border:thin solid #52722c; color:#3f6019">'''चयनित लेख'''</div>
| class="bggame2" style="border:1px solid #698448; padding:10px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#d1e4bb; border:thin solid #52722c; color:#3f6019">'''चयनित लेख'''</div>

Revision as of 13:41, 12 December 2010

मुखपृष्ठ भारत गणराज्य इतिहास पर्यटन साहित्य दर्शन धर्म संस्कृति भूगोल कला खेल भाषा विज्ञान
  • यहाँ आप भारत के विभिन्न धर्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • भारतीय संस्कृति की मूल विशेषता यह रही है कि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुरूप मूल्यों की रक्षा करते हुए कोई भी मत, विचार अथवा धर्म अपना सकता है।

  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...

खेल मुखपृष्ठ

center

  • यहाँ हिन्दू धर्म के अगणित रूपों और संप्रदायों के अतिरिक्त, बौद्ध, जैन, सिक्ख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी आदि धर्मों की विविधता का भी एक सांस्कृतिक समायोजन देखने को मिलता है।
  • आध्यात्मिकता हमारी संस्कृति का प्राणतत्त्व है। इनमें ऐहिक अथवा भौतिक सुखों की तुलना में आत्मिक अथवा पारलौकिक सुख के प्रति आग्रह देखा जा सकता है।
विशेष आलेख
  • राष्ट्रमण्डल खेल, ब्रिटिश राष्ट्रमण्डल देशों के अन्तर्गत आयोजित होने वाली खेल प्रतियोगिता है।
  • रिवरेंड एश्ले कूपर नाम के अंग्रेज़ अधिकारी ने ब्रिटिश हुकूमत वाले देशों में खेलों के एक महा आयोजन का विचार दिया था। उनका मानना था कि इससे इन देशों में खेल की भावना बढ़ेगी साथ ही लोगों के मन में ब्रिटिश हुकूमत के प्रति अच्छी भावना आएगी।
  • 19वें राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी दिल्ली, भारत को सौंपी गई। इससे पहले भारत 1982 में एशियाई खेलों की मेजबानी कर चुका है।
  • एशिया में भी यह 1998 के क्वालालंपुर, मलेशिया के बाद दूसरा बड़ा आयोजन था।
  • भारत में हुए 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 71 देशों ने भाग लिया। 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी ग्लासगो (स्कॉटलैण्ड और ब्रिटेन) को सौंपी गई।
  • भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के माध्यम से अपनी खेल शक्ति, आयोजन क्षमता और अपनी बढ़ती आर्थिक ताक़त की चकाचौंध से दुनिया को चौंधिया दिया।
  • दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेल 2010 में भारत ने नया इतिहास रचते हुए पदक तालिका में पहली बार दूसरा स्थान प्राप्त किया। भारत ने पहली बार 38 स्वर्ण पदकों सहित कुल 101 पदक जीते। .... और पढ़ें
चयनित लेख
  • पुराणों की रचना वैदिक काल के काफ़ी बाद की है, ये स्मृति विभाग में रखे जाते हैं। पुराणों को मनुष्य के भूत, भविष्य, वर्तमान का दर्पण भी कहा जा सकता है।
  • पुराणों में हिन्दू देवी-देवताओं का और पौराणिक मिथकों का बहुत अच्छा वर्णन है। इनकी भाषा सरल और कथा कहानी की तरह है।
  • पुराण वस्तुतः वेदों का विस्तार हैं। वेद बहुत ही जटिल तथा शुष्क भाषा-शैली में लिखे गए हैं। वेदव्यास जी ने पुराणों की रचना और पुनर्रचना की।
  • पुराण शब्द ‘पुरा’ एवं ‘अण’ शब्दों की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ -‘पुराना’ अथवा ‘प्राचीन’ होता है। ‘पुरा’ शब्द का अर्थ है - अनागत एवं अतीत और ‘अण’ शब्द का अर्थ होता है- कहना या बतलाना।
  • संसार की रचना करते समय ब्रह्मा जी ने एक ही पुराण की रचना की थी। जिसमें एक अरब श्लोक थे। यह पुराण बहुत ही विशाल और कठिन था। .... और पढ़ें
कुछ चुने हुए लेख
खेल श्रेणी वृक्ष
चयनित चित्र

300px|जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली|center


जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली

संबंधित लेख