कश्फ़

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:02, 11 August 2014 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''कश्फ़''' से अभिप्राय है कि सूफ़ीवाद<ref>इस्ल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

कश्फ़ से अभिप्राय है कि सूफ़ीवाद[1] में वह विशेष आंतरिक ज्ञान, जो रहस्यवादी व्यक्तिगत अनुभव व ख़ुदा की प्रत्यक्ष अनुभूति के द्वारा प्राप्त करते हैं। 'कश्फ़' अरबी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है- 'अनावृत्ति' या 'प्रकट करना'। इसके द्वारा प्रकट हुए सत्य उन तक संप्रेषित नहीं किए जा सकते, जिन्होंने वही अनुभव प्राप्त न किया हो।[2]

  • सूफ़ी लोग कश्फ़ को 'इल्म'[3] का पर्याय मानते हैं, जो क्रमिक ब्रह्मविज्ञान, तर्कशास्त्र व काल्पनिक ब्रह्मविज्ञान का प्रयोग ख़ुदा की प्रकृति के अध्ययन में करता है।
  • जब मुस्लिम विधि शास्त्री व अध्यात्मवादी अलग़ज़ाली (मृत्यु-1111 ई.) ने महसूस किया कि दर्शनशास्त्र व काल्पनिक अध्यात्मवाद ने उन्हें निराश किया है, तो शिक्षण के पेशे को छोड़कर वह उस मानसिक शांति की खोज में, जो वह अपने बौद्धिक प्रयासों से नहीं पा सके थे, पूरे मन से सूफ़ीवाद के ओर उन्मुख हुए। कुछ समय के आध्यात्मिक चिंतन के पश्चात उन्हें विश्वास हो गया कि संपूर्ण दार्शनिक तंत्र विरोधाभासी व सांकेतिक होते हैं और बुद्धि का प्रयोग केवल तर्क में इंसान के विश्वास को भंग करने के लिए करना चाहिए। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि 'कश्फ़' सच्चा व विश्वसनीय ज्ञान प्राप्त करने का एकमात्र साधन है। उन्होंने इसे "वह प्रकाश जिससे ख़ुदा अपने भक्त के हृदय को प्रकाशित कर देते हैं", कहकर परिभाषित किया।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. इस्लामी अध्यात्मवाद
  2. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-1 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 335 |
  3. ज्ञान

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः