पँख -अनूप सेठी: Difference between revisions
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बाज़ार घर में घुस आया | बाज़ार घर में घुस आया | ||
गाँव से आए अचार के चटखारे लेता | गाँव से आए अचार के चटखारे लेता | ||
जैसे होता है कस्बों में | जैसे होता है कस्बों में सोफ़ा सेटों वाला घर | ||
फिर से जब लग गए एक बार पंख | फिर से जब लग गए एक बार पंख | ||
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<references/> | <references/> | ||
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चित्र:Icon-edit.gif | यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं। |
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एक घर था उसको लग गए पँख |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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