कमरे की लॉरी -अनूप सेठी: Difference between revisions
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खोल किबाड़ चौड़ चपाट | खोल किबाड़ चौड़ चपाट | ||
चिढ़ाएगा कमरा | चिढ़ाएगा कमरा | ||
आओ बरखुरदार कौन सी | आओ बरखुरदार कौन सी फ़तह करके आ रहे हो | ||
मार लिए क्या तीर दो चार | मार लिए क्या तीर दो चार | ||
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घिसी हुई सी ठुमरी बोलेगी | घिसी हुई सी ठुमरी बोलेगी | ||
भग आए थे पिता तुम्हारे | भग आए थे पिता तुम्हारे | ||
गोरी | गोरी फ़ौजों को छोड़ | ||
एक ढलान में घेरा पानी | एक ढलान में घेरा पानी | ||
ओडी में भरते नित दाना | ओडी में भरते नित दाना | ||
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उठो उठो मेरे थके सिपाही | उठो उठो मेरे थके सिपाही | ||
ख़ाली दीवारें सूनी आँखें तकती हैं | |||
यह मत मानो | यह मत मानो | ||
कभी नूतनता की | कभी नूतनता की फ़ौजे थकती हैं | ||
चौड़ चपाट है खुला कपाट। | चौड़ चपाट है खुला कपाट। | ||
(1986) | (1986) | ||
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<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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[[Category:समकालीन साहित्य]] | [[Category:समकालीन साहित्य]] |
Latest revision as of 11:17, 5 July 2017
चित्र:Icon-edit.gif | यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं। |
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खोल किबाड़ चौड़ चपाट |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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