महावस्तु: Difference between revisions
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'''महावस्तु''' एक प्रसिद्ध बौद्ध ग्रन्थ है। यह [[बौद्ध|बौद्धों]] के [[हीनयान|हीनयान पंथ]] का एक प्रसिद्ध प्राचीन विनय-ग्रन्थ है। महावस्तु का अर्थ है- 'महान विषय' या 'कथा'। इस [[ग्रन्थ]] में भगवान [[बुद्ध]] के जीवन को केन्द्र | '''महावस्तु''' एक प्रसिद्ध बौद्ध ग्रन्थ है। यह [[बौद्ध|बौद्धों]] के [[हीनयान|हीनयान पंथ]] का एक प्रसिद्ध प्राचीन विनय-ग्रन्थ है। महावस्तु का अर्थ है- 'महान विषय' या 'कथा'। इस [[ग्रन्थ]] में भगवान [[बुद्ध]] के जीवन को केन्द्र बिन्दु मानकर छ्ठी शताब्दी ई. के [[इतिहास]] को प्रस्तुतु किया गया है। | ||
*इस ग्रन्थ में [[बोधिसत्व]] की दशभूमियों का विस्तृत वर्णन किया गया है। | *इस ग्रन्थ में [[बोधिसत्व]] की दशभूमियों का विस्तृत वर्णन किया गया है। |
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महावस्तु एक प्रसिद्ध बौद्ध ग्रन्थ है। यह बौद्धों के हीनयान पंथ का एक प्रसिद्ध प्राचीन विनय-ग्रन्थ है। महावस्तु का अर्थ है- 'महान विषय' या 'कथा'। इस ग्रन्थ में भगवान बुद्ध के जीवन को केन्द्र बिन्दु मानकर छ्ठी शताब्दी ई. के इतिहास को प्रस्तुतु किया गया है।
- इस ग्रन्थ में बोधिसत्व की दशभूमियों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
- बुद्धचरित्र महावस्तु का विषय है, इस ग्रन्थ की भाषा मिश्र संस्कृत है।
- ईसा के 200 वर्ष पूर्व इस ग्रन्थ का निर्माण सम्भव है।[1]
- महावस्तु बौद्ध धर्म के 6 ऐसे चुने हुए ग्रंथों में से है, जो पाली के स्थान पर संस्कृत में रचे गये।
- इन 6 ग्रन्थों के नाम इस प्रकार हैं- महावस्तु, ललित-विस्तर, बुद्धचरित, दिव्यावदान, लंकावतार और सद्धर्मपुंडरीक।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय संस्कृति कोश, भाग-2 |प्रकाशक: यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, नई दिल्ली-110002 |संपादन: प्रोफ़ेसर देवेन्द्र मिश्र |पृष्ठ संख्या: 546 |
- ↑ सं. वा. को. (द्वितीय खण्ड), पृ. 222