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चयनित लेख

जम्मू-कश्मीर राज्य छोटा भारत है। यहाँ अनेक भाषाभाषी लोग रहते हैं। यहाँ कई इलाके ऐसे हैं, जहाँ बर्फ पिघलने का नाम ही नहीं लेती तो कई इलाके ऐसे भी हैं, जो गर्मियों में तापमान की दृष्टि से देश के किसी भी गर्म क्षेत्र की याद दिलाते हैं। मुख्यतया राज्य में जो प्रमुख भाषाएँ एवं बोलियाँ बोली जाती हैं, वे हैं- उर्दू, हिन्दी, कश्मीरी, डोगरी, बौद्धी (लद्दाखी), बल्ती, पंजाबी एवं गोजरी (पहाड़ी)। इनमें भी तीन प्रमुख भाषाएँ कश्मीरी, डोगरी और लद्दाखी राज्य की तीन इकाइयों की तीन प्रमुख भाषाएँ हैं। यह एक विडंबना है कि उर्दू राज्य के किसी भी व्यक्ति की मातृभाषा न होते हुए भी पूरे राज्य की संपर्क भाषा है और साथ ही राजभाषा भी है। .... और पढ़ें

भारत के उत्तर में लगभग 500 मील की लम्बाई में पूरब से पश्चिम तक फैला नेपाल जहाँ अपनी नैसर्गिक सुषमा और संपदा के लिए 'एशिया का स्विटजरलैंड' कहा जा सकता है, वहीं अपने शौर्य एवं वीरता तथा सांस्कृतिक चेतना के लिए हिमालय की गोद में पला यह राष्ट्र हिमालय की ही तरह एशिया का सजग प्रहरी भी कहा जा सकता है। इस राष्ट्र ने अपनी सजगता का परिचय बारहवीं शताब्दी से ही देना शुरू कर दिया था, जब भारत पर पश्चिम से लगातार आक्रमणों का नया दौर प्रारंभ हुआ था। तब से लेकर भारत में अंग्रेज़ी राज्य की स्थापना तक अनेक हिन्दू राजाओं जैसे हरिसिंह देव, भारत में अंग्रेज़ी उपनिवेश के विरुद्ध लड़ने वालों, जैसे तात्या टोपे, बेगम हजरत महल आदि प्रमुख व्यक्तियों का शरणास्थल भी यह देश रहा है। .... और पढ़ें

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