जायस: Difference between revisions
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'''जायस''' [[रायबरेली ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] में जायस स्टेशन के पास एक प्राचीन | '''जायस''' [[रायबरेली ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] में जायस स्टेशन के पास एक प्राचीन क़स्बा है। यह क़स्बा [[हिन्दी]] के [[कवि]] [[मलिक मुहम्मद जायसी]] से संबंध के कारण प्रसिद्ध है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=363|url=}}</ref> | ||
*मलिक मुहम्म्द जायसी ने यहीं पर अपना सुप्रसिद्ध ग्रंथ '[[पद्मावत -जायसी|पद्मावत]]' लिखा था। जायस में रहने के कारण ही ये 'जायसी' कहलाए थे। | *मलिक मुहम्म्द जायसी ने यहीं पर अपना सुप्रसिद्ध ग्रंथ '[[पद्मावत -जायसी|पद्मावत]]' लिखा था। जायस में रहने के कारण ही ये 'जायसी' कहलाए थे। | ||
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*इससे ज्ञात होता है कि जायस उस समय संभवत: [[मुस्लिम|मुस्लिमों]] के लिए पवित्र स्थान माना जाता था और जायसी यहाँ किसी और स्थान से आकर बसे थे तथा 'पद्मावत' की रचना भी उन्होंने यहीं की थी। | *इससे ज्ञात होता है कि जायस उस समय संभवत: [[मुस्लिम|मुस्लिमों]] के लिए पवित्र स्थान माना जाता था और जायसी यहाँ किसी और स्थान से आकर बसे थे तथा 'पद्मावत' की रचना भी उन्होंने यहीं की थी। | ||
*'पद्मावत' में उसका रचना काल 927 [[हिजरी संवत|हिजरी]] | *'पद्मावत' में उसका रचना काल 927 [[हिजरी संवत|हिजरी]] अर्थात् 1527 ई. दिया गया है। | ||
*उजालिकपुर, जायस का दूसरा और संभवत: अधिक प्राचीन नाम है। | *उजालिकपुर, जायस का दूसरा और संभवत: अधिक प्राचीन नाम है। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
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* | *ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== |
Latest revision as of 07:43, 7 November 2017
जायस रायबरेली ज़िला, उत्तर प्रदेश में जायस स्टेशन के पास एक प्राचीन क़स्बा है। यह क़स्बा हिन्दी के कवि मलिक मुहम्मद जायसी से संबंध के कारण प्रसिद्ध है।[1]
- मलिक मुहम्म्द जायसी ने यहीं पर अपना सुप्रसिद्ध ग्रंथ 'पद्मावत' लिखा था। जायस में रहने के कारण ही ये 'जायसी' कहलाए थे।
- 'पद्मावत' के 23वें दोहे की प्रथम चौपाई में कवि ने स्वयं ही कहा है-
'जायस नगर धरम-असथानू, तहां आय कवि कीन्ह बखानू'
- इससे ज्ञात होता है कि जायस उस समय संभवत: मुस्लिमों के लिए पवित्र स्थान माना जाता था और जायसी यहाँ किसी और स्थान से आकर बसे थे तथा 'पद्मावत' की रचना भी उन्होंने यहीं की थी।
- 'पद्मावत' में उसका रचना काल 927 हिजरी अर्थात् 1527 ई. दिया गया है।
- उजालिकपुर, जायस का दूसरा और संभवत: अधिक प्राचीन नाम है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 363 |
- ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार