मधु: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "|संबंधित लेख= }}" to "|संबंधित लेख= }} ==संबंधित लेख== {{शब्द संदर्भ कोश}}") |
||
(5 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
{{बहुविकल्पी शब्द}} | {{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=मधु|लेख का नाम=मधु (बहुविकल्पी)}} | ||
{{शब्द संदर्भ लघु | |||
|हिन्दी=शहद, मधुर मीठा, स्वादिष्ठ, प्रिय, प्रसन्नताकारक, [[जल]], मदिरा, फूलों का रस, मकरंद, [[वसंत ऋतु]], चैत्र का महीना, [[दूध]], मिसरी, मक्खन, [[घी]], अशोक वृक्ष, महुआ, मुलेठी, अमृत, [[शिव]] का एक नाम, एक प्रकार का [[छंद]] जिसके प्रत्येक चरण में दो लघु अक्षर होते हैं। [[संगीत]] में एक राग जो भैरव राग का पुत्र माना जाता है। एक दैत्य जिसे [[विष्णु]] ने मारा था और जिसके कारण उनका नाम '''मधु'''सूदन’ पड़ा था। | |||
[[ | |व्याकरण=[[विशेषण]], पुल्लिंग | ||
|उदाहरण=स्याच्चैत्रे चैत्रिको '''मधु''', वैशाखे माधवों राध:। | |||
[[ | ज्यैष्ठे शुक्र: शुचिस्त्वयम् आषाढे॥ | ||
|विशेष='''मधु''' का प्रतीकात्मक प्रयोग कवियों ने अनेक प्रकार से किया है। महाकवि [[जयशंकर प्रसाद]] के काव्य में उनका प्रिय शब्द '''मधु''' स्थान पर प्रेम, सौन्दर्य, आनन्द, विलास आदि का प्रतीक है। ऊषा को वे '''मधु'''बाला कहते हैं और पूर्व दिशा की प्रात: कालीन लाली को 'प्राची की '''मधु'''शाला'। नदी को वे '''मधु'''लेखा कहते हैं, सौन्दर्य और यौवन को '''मधु'''भार और किरण को '''मधु'''धारा | |||
|विलोम= | |||
|पर्यायवाची=कीलाल, कुसुमासव, पुष्कर, पुष्पासव, भ्रमरज, मकरंद, माक्षिक, शहद, सुधा। | |||
|संस्कृत=मन्+उ, न् ध् | |||
|अन्य ग्रंथ= | |||
|संबंधित शब्द= | |||
|संबंधित लेख= | |||
}} | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{शब्द संदर्भ कोश}} | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 13:06, 20 April 2018
चित्र:Disamb2.jpg मधु | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- मधु (बहुविकल्पी) |
हिन्दी | शहद, मधुर मीठा, स्वादिष्ठ, प्रिय, प्रसन्नताकारक, जल, मदिरा, फूलों का रस, मकरंद, वसंत ऋतु, चैत्र का महीना, दूध, मिसरी, मक्खन, घी, अशोक वृक्ष, महुआ, मुलेठी, अमृत, शिव का एक नाम, एक प्रकार का छंद जिसके प्रत्येक चरण में दो लघु अक्षर होते हैं। संगीत में एक राग जो भैरव राग का पुत्र माना जाता है। एक दैत्य जिसे विष्णु ने मारा था और जिसके कारण उनका नाम मधुसूदन’ पड़ा था। |
-व्याकरण | विशेषण, पुल्लिंग |
-उदाहरण | स्याच्चैत्रे चैत्रिको मधु, वैशाखे माधवों राध:।
ज्यैष्ठे शुक्र: शुचिस्त्वयम् आषाढे॥ |
-विशेष | मधु का प्रतीकात्मक प्रयोग कवियों ने अनेक प्रकार से किया है। महाकवि जयशंकर प्रसाद के काव्य में उनका प्रिय शब्द मधु स्थान पर प्रेम, सौन्दर्य, आनन्द, विलास आदि का प्रतीक है। ऊषा को वे मधुबाला कहते हैं और पूर्व दिशा की प्रात: कालीन लाली को 'प्राची की मधुशाला'। नदी को वे मधुलेखा कहते हैं, सौन्दर्य और यौवन को मधुभार और किरण को मधुधारा |
-विलोम | |
-पर्यायवाची | कीलाल, कुसुमासव, पुष्कर, पुष्पासव, भ्रमरज, मकरंद, माक्षिक, शहद, सुधा। |
संस्कृत | मन्+उ, न् ध् |
अन्य ग्रंथ | |
संबंधित शब्द | |
संबंधित लेख |
अन्य शब्दों के अर्थ के लिए देखें शब्द संदर्भ कोश
संबंधित लेख