अनंतारिका कर्म: Difference between revisions

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# माता की हत्या
# माता की हत्या
# पिता की हत्या
# पिता की हत्या
# किसी अर्हत या संत की हत्या
# किसी [[अर्हत]] या [[संत]] की हत्या
# किसी 'बुद्ध' के शरीर को क्षति पहुँचाना  
# किसी 'बुद्ध' के शरीर को क्षति पहुँचाना  
# बौद्ध समुदाय में विघटन करना।
# बौद्ध समुदाय में विघटन करना।

Revision as of 12:18, 10 October 2014

अनंतारिका कर्म (संस्कृत शब्द, अर्थात ऐसा कार्य, जिसका दंड तुरंत मिलता है) बौद्ध परंपरा की थेरवाद (वरिष्ठों का मार्ग) धारा के अनुसार, ऐसा जघन्य पाप, जिसे करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के तुरंत बाद नरक में जाना पड़ता है और उसे कभी मोक्ष प्राप्त नहीं होता। इस असाध्य पाप का प्रायश्चित असंभव है और इसका दंड अवश्यंभावी है। इस प्रकार के पांच पाप हैं;

  1. माता की हत्या
  2. पिता की हत्या
  3. किसी अर्हत या संत की हत्या
  4. किसी 'बुद्ध' के शरीर को क्षति पहुँचाना
  5. बौद्ध समुदाय में विघटन करना।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • भारत ज्ञानकोश खण्ड-1


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