अव्यतिक्रम शील बौद्ध निकाय: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{बौद्ध दर्शन2}}" to "{{बौद्ध धर्म}}") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "{{बौद्ध दर्शन}}" to "") |
||
Line 5: | Line 5: | ||
{{अठारह बौद्ध निकाय}} | {{अठारह बौद्ध निकाय}} | ||
{{शील विमर्श}} | {{शील विमर्श}} | ||
[[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__ | [[Category:दर्शन कोश]] [[Category:बौद्ध दर्शन]][[Category:बौद्ध धर्म कोश]]__INDEX__ |
Revision as of 06:45, 17 March 2011
बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में अव्यतिक्रम शील की यह परिभाषा है:-
गृहीत व्रतों (शिक्षाप्रदों) का काय और वाक् के द्वारा उल्लघंन न करना (अनुल्लंघन) अव्यतिक्रम शील कहलाता है। अर्थात जिस पुरुष ने यह प्रतिज्ञा की है कि मैं प्राणी-हिंसा न करूँगा- ऐसे पुरुष का किसी भी परिस्थिति में शरीर या वाणी द्वारा अपनी प्रतिज्ञा का उल्लंघन न करना 'अव्यतिक्रम शील' है।