नल: Difference between revisions

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Revision as of 06:39, 27 May 2010

  • रामायण में राम-सेना का एक प्रसिद्ध वानर, जो विश्वकर्मा का अंशावतार था।
  • इसके साथी का नाम नील था।
  • दक्षिण में समुद्र के किनारे पहुंचकर राम ने समुद्र की आराधना की। प्रसन्न होकर वरुणालय ने सगरपुत्रों से संबंधित होकर अपने को इक्ष्वाकुवंशीय बतलाकर राम की सहायता करने का वचन दियां उसने कहा-'सेना में नल नामक विश्वकर्मा का पुत्र है। वह अपने हाथ से मेरे जल में जो कुछ भी छोड़ेगा वह तैरता रहेगा, डूबेगा नहीं।' इस प्रकार समुद्र पर पुल बना जो 'नलसेतु' नाम से विख्यात है। [1]




टीका-टिप्पणी

  1. महाभारत, वनपर्व, अध्याय 283, श्लोक 24 से 45 तक