शिवाजी गणेशन: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "अविभावक" to "अभिभावक")
m (Text replacement - "भूमिकाएं" to "भूमिकाएँ")
Line 36: Line 36:
[[1 अक्तूबर]] [[1927]] को पैदा हुए शिवाजी गणेशन का फ़िल्मों में प्रवेश [[1952]] में हुआ और 'पराशक्ति' उनकी पहली फ़िल्म थी। दर्शकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और उनकी अभिनय शैली ख़ासकर संवाद अदायगी से मुग्ध हो गए। [[1954]] में प्रदर्शित उनकी फ़िल्म 'अंधानाल' तमिल सिनेमा की दिशा तय करने वाली साबित हुई। इसमें एक ओर कोई गाना नहीं था वहीं गणेशन एंटी हीरो की भूमिका में थे। बचपन से ही उनकी याददाश्त काफ़ी अच्छी थी और वह लंबे-लंबे संवाद बिना किसी मदद के दर्शकों के सामने बखूबी पेशकर देते थे। दर्शक उनकी इस अदा से भाव विभोर हो जाते थे बाद में जब वह बड़े पर्दे की दुनिया में आ गए तो यहां भी उन्हें इस प्रतिभा का काफ़ी फायदा हुआ और उनका यह अंदाज विशेष रूप से लोकप्रिय हुआ।<ref name="Slive"/>
[[1 अक्तूबर]] [[1927]] को पैदा हुए शिवाजी गणेशन का फ़िल्मों में प्रवेश [[1952]] में हुआ और 'पराशक्ति' उनकी पहली फ़िल्म थी। दर्शकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और उनकी अभिनय शैली ख़ासकर संवाद अदायगी से मुग्ध हो गए। [[1954]] में प्रदर्शित उनकी फ़िल्म 'अंधानाल' तमिल सिनेमा की दिशा तय करने वाली साबित हुई। इसमें एक ओर कोई गाना नहीं था वहीं गणेशन एंटी हीरो की भूमिका में थे। बचपन से ही उनकी याददाश्त काफ़ी अच्छी थी और वह लंबे-लंबे संवाद बिना किसी मदद के दर्शकों के सामने बखूबी पेशकर देते थे। दर्शक उनकी इस अदा से भाव विभोर हो जाते थे बाद में जब वह बड़े पर्दे की दुनिया में आ गए तो यहां भी उन्हें इस प्रतिभा का काफ़ी फायदा हुआ और उनका यह अंदाज विशेष रूप से लोकप्रिय हुआ।<ref name="Slive"/>
==फ़िल्मी सफर==
==फ़िल्मी सफर==
शिवाजी गणेशन ने अपने क़रीब पांच दशक के लंबे फ़िल्मी सफर में लगभग 300 फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने [[तमिल भाषा|तमिल]] के अलावा [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[मलयालम भाषा|मलयालम]] और [[हिंदी भाषा|हिंदी]] फ़िल्मों में भी काम किया। 1970 में प्रदर्शित हिंदी फ़िल्म 'धरती' में भी उन्होंने अभिनय किया। यह फ़िल्म उनकी मूल फ़िल्म 'सिवांध मान' की रीमेक थी। उनकी कई फ़िल्मों का रीमेक अन्य भाषाओं में भी हुआ। ऐसी ही एक फ़िल्म नवरातिरि थी जिसमें उन्होंने नौ किरदार निभाए थे। बाद में हिंदी में इसी आधार पर 'नया दिन नयी रात' फ़िल्म बनी जिसमें [[संजीव कुमार]] ने नौ भूमिकाएं की थी। उनकी फ़िल्मों का सिंघली भाषा में भी रीमेक हुआ है।<ref name="Slive">{{cite web |url=http://www.samaylive.com/entertainment-news-in-hindi/124019/entertainment-news-in-hindi.html |title=अभिनय के बादशाह थे शिवाजी गणेशन |accessmonthday=30 सितम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=समय लाइव |language=हिन्दी }}</ref>
शिवाजी गणेशन ने अपने क़रीब पांच दशक के लंबे फ़िल्मी सफर में लगभग 300 फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने [[तमिल भाषा|तमिल]] के अलावा [[तेलुगू भाषा|तेलुगू]], [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[मलयालम भाषा|मलयालम]] और [[हिंदी भाषा|हिंदी]] फ़िल्मों में भी काम किया। 1970 में प्रदर्शित हिंदी फ़िल्म 'धरती' में भी उन्होंने अभिनय किया। यह फ़िल्म उनकी मूल फ़िल्म 'सिवांध मान' की रीमेक थी। उनकी कई फ़िल्मों का रीमेक अन्य भाषाओं में भी हुआ। ऐसी ही एक फ़िल्म नवरातिरि थी जिसमें उन्होंने नौ किरदार निभाए थे। बाद में हिंदी में इसी आधार पर 'नया दिन नयी रात' फ़िल्म बनी जिसमें [[संजीव कुमार]] ने नौ भूमिकाएँ की थी। उनकी फ़िल्मों का सिंघली भाषा में भी रीमेक हुआ है।<ref name="Slive">{{cite web |url=http://www.samaylive.com/entertainment-news-in-hindi/124019/entertainment-news-in-hindi.html |title=अभिनय के बादशाह थे शिवाजी गणेशन |accessmonthday=30 सितम्बर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=समय लाइव |language=हिन्दी }}</ref>
==राजनीति में==  
==राजनीति में==  
शिवाजी गणेशन अपने फ़िल्मी सफर में व्यावसायिक, पौराणिक और प्रयोगधर्मी फ़िल्मों के बीच संतुलन स्थापित करने में काफ़ी हद तक कामयाब रहे। बाद में वह राजनीति में भी आए और द्रमुक से जुड़ गए। लेकिन द्रमुक के साथ उनका सफर लंबा नहीं चला और वह [[कांग्रेस]] समर्थक हो गए। उन्हें [[राज्यसभा]] के लिए भी चुना गया। उन्होंने अपनी एक पार्टी भी बनायी थी।  
शिवाजी गणेशन अपने फ़िल्मी सफर में व्यावसायिक, पौराणिक और प्रयोगधर्मी फ़िल्मों के बीच संतुलन स्थापित करने में काफ़ी हद तक कामयाब रहे। बाद में वह राजनीति में भी आए और द्रमुक से जुड़ गए। लेकिन द्रमुक के साथ उनका सफर लंबा नहीं चला और वह [[कांग्रेस]] समर्थक हो गए। उन्हें [[राज्यसभा]] के लिए भी चुना गया। उन्होंने अपनी एक पार्टी भी बनायी थी।  

Revision as of 13:50, 2 June 2017

शिवाजी गणेशन
पूरा नाम विल्लुपुरम चिन्नैयापिल्लई गणेशन
प्रसिद्ध नाम शिवाजी गणेशन
जन्म 1 अक्टूबर, 1927
जन्म भूमि विल्लुपुरम, तमिलनाडु
मृत्यु 21 जुलाई, 2001
मृत्यु स्थान चेन्नई, तमिलनाडु
पति/पत्नी कमला गणेशन
संतान प्रभु गणेशन, राजकुमार गणेशन
कर्म भूमि अभिनेता
कर्म-क्षेत्र चेन्नई
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, पद्म भूषण, दादा साहब फाल्के पुरस्कार, दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार
नागरिकता भारतीय

विल्लुपुरम चिन्नैयापिल्लई गणेशन (अंग्रेज़ी: Viluppuram Chinnaiahpillai Ganesan, जन्म: 1 अक्टूबर, 1927 - मृत्यु: 21 जुलाई 2001) मुख्य रूप से शिवाजी गणेशन से प्रसिद्ध हैं। तमिल सिनेमा की प्रमुख हस्तियों में से एक शिवाजी गणेशन संवाद अदायगी से दर्शकों को मुग्ध कर देने वाले सुपरस्टार थे। शिवाजी गणेशन ने रंगमंच के साथ-साथ फ़िल्मों में भी अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। वहीं बाद की पीढ़ी के अभिनेताओं को भी अपनी अभिनय शैली से प्रेरित किया। दक्षिण भारत के कई सितारों ने स्वीकार किया है कि उनकी अभिनय शैली शिवाजी गणेशन से प्रभावित थी। शिवाजी गणेशन का मूल नाम विल्लुपुरम चिन्नैयापिल्लई गणेशन था और उन्होंने सी. एन. अन्ना दुरै द्वारा लिखित,' शिवाजी कांड हिन्दू राज्यम' नाटक में छत्रपति शिवाजी की भूमिका निभायी। इस नाटक में उनके अभिनय की काफ़ी सराहना हुई और उन्हें 'शिवाजी गणेशन' का नाम मिल गया।  

जीवन परिचय

1 अक्तूबर 1927 को पैदा हुए शिवाजी गणेशन का फ़िल्मों में प्रवेश 1952 में हुआ और 'पराशक्ति' उनकी पहली फ़िल्म थी। दर्शकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया और उनकी अभिनय शैली ख़ासकर संवाद अदायगी से मुग्ध हो गए। 1954 में प्रदर्शित उनकी फ़िल्म 'अंधानाल' तमिल सिनेमा की दिशा तय करने वाली साबित हुई। इसमें एक ओर कोई गाना नहीं था वहीं गणेशन एंटी हीरो की भूमिका में थे। बचपन से ही उनकी याददाश्त काफ़ी अच्छी थी और वह लंबे-लंबे संवाद बिना किसी मदद के दर्शकों के सामने बखूबी पेशकर देते थे। दर्शक उनकी इस अदा से भाव विभोर हो जाते थे बाद में जब वह बड़े पर्दे की दुनिया में आ गए तो यहां भी उन्हें इस प्रतिभा का काफ़ी फायदा हुआ और उनका यह अंदाज विशेष रूप से लोकप्रिय हुआ।[1]

फ़िल्मी सफर

शिवाजी गणेशन ने अपने क़रीब पांच दशक के लंबे फ़िल्मी सफर में लगभग 300 फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने तमिल के अलावा तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और हिंदी फ़िल्मों में भी काम किया। 1970 में प्रदर्शित हिंदी फ़िल्म 'धरती' में भी उन्होंने अभिनय किया। यह फ़िल्म उनकी मूल फ़िल्म 'सिवांध मान' की रीमेक थी। उनकी कई फ़िल्मों का रीमेक अन्य भाषाओं में भी हुआ। ऐसी ही एक फ़िल्म नवरातिरि थी जिसमें उन्होंने नौ किरदार निभाए थे। बाद में हिंदी में इसी आधार पर 'नया दिन नयी रात' फ़िल्म बनी जिसमें संजीव कुमार ने नौ भूमिकाएँ की थी। उनकी फ़िल्मों का सिंघली भाषा में भी रीमेक हुआ है।[1]

राजनीति में

शिवाजी गणेशन अपने फ़िल्मी सफर में व्यावसायिक, पौराणिक और प्रयोगधर्मी फ़िल्मों के बीच संतुलन स्थापित करने में काफ़ी हद तक कामयाब रहे। बाद में वह राजनीति में भी आए और द्रमुक से जुड़ गए। लेकिन द्रमुक के साथ उनका सफर लंबा नहीं चला और वह कांग्रेस समर्थक हो गए। उन्हें राज्यसभा के लिए भी चुना गया। उन्होंने अपनी एक पार्टी भी बनायी थी।  

सम्मान और पुरस्कार

शिवाजी गणेशन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने के अलावा दो बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा गया था। इनको भारत सरकार द्वारा सन 1984 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

निधन

तमिल फ़िल्मों के सुपरस्टार शिवाजी गणेशन का 21 जुलाई 2001 को 74 साल की उम्र में निधन हो गया।

 


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 अभिनय के बादशाह थे शिवाजी गणेशन (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) समय लाइव। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख