एकव्यावहारिक निकाय: Difference between revisions
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Latest revision as of 07:53, 7 November 2017
बौद्ध धर्म में एकव्यावहारिक निकाय अठारह निकायों में से एक है:-
जो लोग एक क्षण में बुद्ध की सर्वज्ञता का उत्पाद मानते हैं, वे 'एकव्यावहारिक' कहलाते हैं। अर्थात् इनके मतानुसार एक चित्तक्षण से सम्प्रयुक्त प्रज्ञा के द्वारा समस्त धर्मों का अवबोध हो जाता है। इस एकक्षणावबोध को स्वीकार करने के कारण इनका यह नामकरण हुआ है। महावंस टीका के अनुसार एकव्यावहारिक और गोकुलिक ये दोनों निकाय सभी कुशल-अकुशल संस्कारों को ज्वालारहित अङ्गार से मिश्रित भस्मनिरय के समान समझते हैं।