पिंडारक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:51, 18 July 2012 by फ़ौज़िया ख़ान (talk | contribs) (Adding category Category:गुजरात (को हटा दिया गया हैं।))
Jump to navigation Jump to search

पिंडारक एक तीर्थ स्थान है, जो प्रभास के निकट 'द्वारवती' (द्वारका) में स्थित है। इसे गुजरात में द्वारका से सोलह मील पूर्व में स्थित बताया गया है।

  • इस तीर्थ का पुलस्त्य-भीष्म, गौतम-आंगिरस एवं धौम्य-युधिष्ठिर संवाद में उल्लेख आता है।
  • पद्म लक्षण मुद्राएँ और पद्म त्रिशूल अंकित चिह्न यहाँ पर आज भी मिल जाते हैं।
  • यहाँ पर महादेव का सानिध्य है, और पितृ-पिंड सरोवर में डालने से पानी पर उतराते हैं।
  • इसीलिए यह महान 'पिंड तारक' (पिंडारक) तीर्थ माना जाने लगा।
  • यहाँ स्नान-पितृ स्मरण शुभ फलदायी होता है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय संस्कृति कोश, भाग-2 |प्रकाशक: यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, नई दिल्ली-110002 |संपादन: प्रोफ़ेसर देवेन्द्र मिश्र |पृष्ठ संख्या: 491 |

  1. महाभारत, वनपर्व, अध्याय, 80, 86

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः