गोपीचंदन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:37, 30 June 2021 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''गोपीचंदन''' द्वारका के पास गोपी तालाब में मिलने व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

गोपीचंदन द्वारका के पास गोपी तालाब में मिलने वाली एक प्रकार की मिट्टी है, जो बड़ी पवित्र मानी जाती है। इसे लोग चंदन की तरह मस्तक पर लगाते हैं।[1]

  • कहा जाता है कि जिस समय गोपियों ने श्रीकृष्ण के स्वरूप में अपने को लीन कर दिया, उस समय उनके अंगों की धूल यहां पर गिरी थी। इसी से यहां की मिट्टी गोपीचंदन कहलाती है।
  • इसका तिलक भागवत संप्रदाय का चिह्न है, जिसे धारण करके भगवान के गोपीभाव की उपासना की जाती है।
  • गोपीचंदन नाम का एक उपनिषद भी है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारतीय संस्कृति कोश |लेखक: लीलाधर शर्मा 'पर्वतीय' |प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज, मदरसा रोड, कश्मीरी गेट, दिल्ली |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 296 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः