Difference between revisions of "अजहूँ चेति अचेत -सूरदास"
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प्रीति चौधरी (talk | contribs) ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
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− | अजहूँ चेति अचेत | + | अजहूँ चेति अचेत सबै दिन गए विषय के हेत। |
− | सबै दिन गए विषय के हेत। | ||
तीनौं पन ऐसैं हीं खोए, केश भए सिर सेत॥ | तीनौं पन ऐसैं हीं खोए, केश भए सिर सेत॥ | ||
आँखिनि अंध, स्त्रवन नहिं सुनियत, थाके चरन समेत। | आँखिनि अंध, स्त्रवन नहिं सुनियत, थाके चरन समेत। | ||
गंगा-जल तजि पियत कूप-जल, हरि-तजि पूजत प्रेत॥ | गंगा-जल तजि पियत कूप-जल, हरि-तजि पूजत प्रेत॥ | ||
मन-बच-क्रम जौ भजै स्याम कौं, चारि पदारथ देत। | मन-बच-क्रम जौ भजै स्याम कौं, चारि पदारथ देत। | ||
− | ऐसौ | + | ऐसौ प्रभु छाँडि़ क्यौं भटकै, अजहूँ चेति अचेत॥ |
राम नाम बिनु क्यौं छूटौगे, चंद गहैं ज्यौं केत। | राम नाम बिनु क्यौं छूटौगे, चंद गहैं ज्यौं केत। | ||
सूरदास कछु खरच न लागत, राम नाम मुख लेत॥ | सूरदास कछु खरच न लागत, राम नाम मुख लेत॥ |
Latest revision as of 08:20, 12 April 2013
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ajahooan cheti achet sabai din ge vishay ke het. |
tika tippani aur sandarbh
sanbandhit lekh |