Difference between revisions of "रतनारी हों थारी आँखड़ियाँ -बिहारी लाल"
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− | रतनारी | + | रतनारी हों थारी आँखड़ियाँ। |
− | प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी, जाणे | + | प्रेम छकी रसबस अलसाड़ी, |
− | सुंदर रूप लुभाई गति मति, हो गईं ज्यूँ मधु | + | जाणे कमल की पाँखड़ियाँ॥ |
− | रसिक बिहारी वारी प्यारी, कौन बसी निस काँखड़ियाँ॥ | + | सुंदर रूप लुभाई गति मति, |
+ | हो गईं ज्यूँ मधु माँखड़ियाँ॥ | ||
+ | रसिक बिहारी वारी प्यारी, | ||
+ | कौन बसी निस काँखड़ियाँ॥ | ||
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Latest revision as of 07:22, 8 September 2011
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ratanari hoan thari aankh diyaan. |
sanbandhit lekh